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कप के साथ गलियों के फुटबॉलर

९ अप्रैल २०१४

ब्राजील में विश्व कप से पहले स्ट्रीट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम को कांस्य पदक मिला है. टीम पूरे जोश के साथ लौटी है और वहां गलियों में खेलने वाले इन बच्चों का शानदार स्वागत भी हुआ.

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तस्वीर: Getty Images

कप्तान समीर अहमद ने इस जीत की तुलना "जीवन में एक बार" होने वाले अनुभव से की. पाकिस्तान की टीम पहली बार स्ट्रीट चाइल्ड वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही थी और पहली बार में ही उसे कांस्य पदक मिला है. पहले ही मैच में पाकिस्तान ने पिछली बार की विजेता भारत को 13-0 से रौंद दिया था. इसके बाद केन्या और मॉरिशस को हराया और बाद में अमेरिका की टीम के साथ अपने ग्रुप में संयुक्त रूप से शीर्ष पर रही.

क्वार्टर फाइनल के मैच में पाकिस्तान के गलियों में खेलने वाले बच्चों ने फिलीपींस को 3-2 से पराजित किया लेकिन सेमीफाइनल में बुरुंडी से 3-4 से हार गए. बाद में तंजानिया ने बुरुंडी को हरा कर स्वर्ण पदक जीता.

अमेरिका को हराया

तीसरे स्थान के मैच में पाकिस्तान का मुकाबला अमेरिका से था. पाकिस्तान के बच्चों ने अमेरिका को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से हरा कर कांस्य पदक हासिल किया.

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संस्था फीफा ने 2010 में इस विश्व कप का आयोजन शुरू किया. यह गलियों में रहने वाले बच्चों के लिए होता है और नाम दिया गया स्ट्रीट चाइल्ड विश्व कप. दक्षिण अफ्रीका में हुए पहला विश्व कप भारत ने जीता था.

Pakistan - Fußballtraining für Straßenkinder
अभ्यास करते विश्व कप खेलने वाले पाकिस्तान के गलियों के बच्चेतस्वीर: Getty Images

कांस्य पदक जीत कर लौटे बच्चे जब कराची एयरपोर्ट पर उतरे, तो लगभग 4,000 लोगों ने उनका स्वागत किया. आम तौर पर इस तरह का स्वागत देश के क्रिकेट टीम का ही होता है. टीम में शामिल अहमद का कहना है, "इस विश्व कप से पहले हम अनजान बच्चे थे. लेकिन अब इतनी भीड़ देख कर हमें अच्छा लगता है कि लोग हमें जानते हैं. हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हम ब्राजील जा सकते हैं. हमने तो सिर्फ उसका नाम सुना था, जो फुटबॉल के लिए मशहूर है."

पहली जीत से उत्साह

पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले 15 साल के राजिक मुश्ताक का कहना है कि खास तौर पर भारत के खिलाफ जीत बड़ी अहम रही, "भारत ने हमें टी20 क्रिकेट विश्व कप में हराया लेकिन हमने उसका बदला फुटबॉल के मैदान में उतारा. उस जीत के बाद हमारे हौसले बढ़े कि हम टूर्नामेंट में अच्छा कर सकते हैं." राजिक ने भारत के खिलाफ आठ गोल किए, जबकि पूरे टूर्नामेंट में 18 गोल.

इसमें खेलने वाले ज्यादातर बच्चे सड़कों पर रहने वाले थे, जो पहले नशे की लत में डूबे थे. आजाद फाउंडेशन नाम की गैरसरकारी संस्था ने इन बच्चों को जमा करके स्ट्रीट चाइल्ड वर्ल्ड कप के लिए तैयार किया. कोच अब्दुल रशीद का कहना है कि अक्टूबर से लगातार मेहनत का ही नतीजा है कि टीम तीसरे नंबर पर पहुंची, "उन्होंने बहुत दिल लगा कर खेला. उन्होंने साबित किया कि उनमें प्रतिभा है और हमने उन्हें तैयार किया."

रशीद का कहना है कि यह नतीजा साबित करता है कि पाकिस्तान विश्व फुटबॉल में बेहतर कर सकता है. फिलहाल फीफा की रैंकिंग में वह 158वें नंबर पर है. टीम ने इसके बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह प्रमुख बिलावल भुट्टो से मुलाकात की. भुट्टो ने हर खिलाड़ी को एक लाख पाकिस्तानी रुपये देने का एलान किया. भुट्टो ने कहा कि उन्होंने अर्जेंटीना के महान खिलाड़ी डियागो माराडोना को ट्रेनिंग के लिए बुलाया है.

एजेए/ओएसजे (एएफपी)