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रोम के कैटाकॉम्ब में पहुंचा रोबोट

मार्टिन रीबे/ओएसजे११ दिसम्बर २०१५

पेरिस और रोम के कैटाकॉम्ब दुनिया भर में मशहूर हैं. ये वे तहखाने हैं जो कभी कब्रिस्तान हुआ करते थे. रोम के प्रिसिला कैटाकॉम्ब में जहां इंसानों को पहुंचना मुश्किल है, वहां एक रोबोट घूम रहा है.

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Catacombs
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इटली के रोम में करीब 2000 साल पहले शहर के नीचे के तहखानों को कब्रिस्तान की तरह इस्तेमाल किया जाता था. आज भी सभी सुरंगों की जानकारी नहीं है. संकरी सुरंगें ढह सकती हैं या फिर वहां रेडियोधर्मी राडोन गैस हो सकती है. यहां इंसानों के लिए पहुंचना तो मुश्किल है लेकिन रोबोटो को भेजा जा सकता है. खुद चलने वाले रोबोट माटिल्डा की टेस्टिंग के लिए यहां आदर्श जगह है. रोबोट को भूमिगत 3डी मैप तैयार करना है.

बॉन यूनिवर्सिटी के युवा रिसर्चरों की टीम ने ऐसी एल्गोरिदम विकसित की है जिसकी मदद से रोबोट रोम शहर की शुरुआती ईसाई सभ्यता की पड़ताल कर रहा है. ये हाई टेक मशीन प्रिसिला कैटाकॉम्ब की अंधेरी गलियों में 30 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चल रही है. बॉन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सिरिल श्टाखनिस बताते हैं, "यह सॉफ्टवेयर 3डी का परिवेश तैयार करता है, उसकी खुद जांच करता है, बाधाओं को पहचानता है और उन्हें दूर करता है. वह पूरे तहखाने में जा सकता है, अपने कैमरे के जरिए यह वहां का सटीक मॉडल बना सकता है."

कई कैमरों की मदद से रोबोट एक सेकेंड में 20 बार स्कैनिंग करता है. 50 वॉट की एक एलईडी लाइट वीडियो के लिए रोशनी का काम करती है. मार्ग में बाधा आने पर रोबोट रास्ता बदल लेता है और अपना काम जारी रखता है.

अपनी गलतियों से सीखता है रोबोट

कमाल की बात यह है कि इसके तहखाने में खो जाने की भी कोई संभावना नहीं है क्योंकि माटिल्डा एक सर्किट में ही चक्कर लगाता है. सर्किट पूरा होने के बाद ही वह किसी नई जगह पर जाता है. प्रोफेसर श्टाखनिस कहते हैं, "जब रोबोट एक जाने पहचाने इलाके से वापस लौटता है तो वह गलतियां ठीक करता जाता है और अंत में ज्यादा सटीक नक्शा मिलता है."

अपना काम सही तरीके से पूरा करने के लिए रोबोट को दुश्वार जगहों तक पहुंचना होगा. उसके सामने अलग अलग तरह की चुनौतियां आएंगी. उसे हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा.

इस रोबोट को बाद में ऐतिहासिक इलाकों के सर्वेक्षण और उनकी हिफाजत के लिए पुरातत्व सर्वेक्षक, इतिहासकार या फिर इंजीनियर इस्तेमाल करेंगे. लेकिन इसकी ऑपरेटिंग आसान होनी चाहिए. इसमें ऑटोमैटिक इमरजेंसी रिटर्न सिस्टम भी लगा है.

अब तक प्रिसिला कैटाकॉम्ब के करीब पांच किलोमीटर इलाके का इस इलेक्ट्रिक रिसर्चर ने नक्शा बना लिया है. इसके 3डी वीडियो की मदद से आने वाले दिनों में हर कोई इंसानी सभ्यता के उन पलों को घर पर बैठे बैठे इंटरनेट पर देख सकता है.