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करज़ई का मुश्किल अमेरिकी मिशन

११ मई २०१०

अफ़ग़ान राष्ट्रपति हामिद करज़ई वाशिंगटन पहुंचे हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनकी बातचीत होगी. दोनों देशों के बीच पिछले समय में काफ़ी तनाव पैदा हुए हैं. उनमें कमी लाना इस यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य है.

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तस्वीर: AP

शिकायत दोनों ओर से है. हामिद करज़ई अगर पश्चिम के सैनिक अभियान में निहत्थे नागरिकों की मौत की घटनाओं से परेशान हैं, तो अफ़ग़ान सरकार की कमज़ोरी और प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका धीरज खोता जा रहा है. करज़ई के प्रवक्ता वहीद उमर का कहना है कि चार दिनों की यात्रा के दौरान खुलकर बातें की जाएंगी. उन्होंने कहा कि उनका पक्ष ऐसे सवालों को उठाएगा, जिनके समाधान से दोनों पक्षों के बीच साझेदारी मज़बूत होगी.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी सैनिक अभियानों में आम नागरिकों की मौत तथा रात के दौरान किए जाने वाले हमलों की वजह से पश्चिम की सैनिक उपस्थिति के प्रति समर्थन तेज़ी से घटता जा रहा है. पिछले साल यानी 2009 में 2400 असैनिक नागरिक मारे गए. वैसे इनमें से काफ़ी लोग तालिबान के हमलों के शिकार हुए. पेंटागन की ओर से स्वीकर किया गया है कि अक्तूबर से मार्च के बीच उनके हमलों में 49 नागरिकों की मौत हो गई. अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी और नाटो टुकड़ियों के सर्वोच्च कमांडर जनरल स्टैनली मैकक्रिस्टल का कहना है कि असैनिक नागरिकों की मौत से बचना उनकी रणनीति का मुख्य अंग है.

अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी राजदूत कार्ल आइकेनबेरी के अनुसार अफ़ग़ान प्रशासन को स्वच्छ बनाना दोनों पक्षों की बातचीत का एक दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. उन्होंने कहा कि बेहतर प्रशासन और भ्रष्टाचार में कमी के लिए अभी काफ़ी कुछ करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आख़िरकार देश की जनता को इस सिलसिले में संतुष्ट करना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने माना कि पिछले समय में इन क्षेत्रों में कुछ प्रगति हुई है.

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तस्वीर: PASCH

करज़ई के प्रवक्ता उमर का कहना है कि भ्रष्टाचार सिर्फ़ अफ़ग़ान सरकार की समस्या नहीं है. पिछले समय में करज़ई ने भ्रष्टाचार के लिए पश्चिम के दाता देशों को भी ज़िम्मेदार ठहराया था. यहां तक कि उन्होंने चुनाव में धांधली के लिए भी उनकी ओर अंगुली उठाई थी.

अमेरिका जुलाई, 2011 से अपनी टुकड़ियों को वापस लाना चाहता है. ऐसी हालत में राष्ट्रपति ओबामा अफ़ग़ान राष्ट्रपति करज़ई पर दबाव डालेंगे कि उनकी सरकार देश की सुरक्षा के लिए और अधिक ज़िम्मेदारी निभाए. अमेरिकी जनता के बीच अफ़ग़ान अभियान के प्रति समर्थन तेज़ी से घट रहा है. एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 52 फ़ीसदी नागरिकों का मानना है कि इस अभियान से कोई फ़ायदा नहीं होने वाला है.

रिपोर्ट: एजेंसिया/उभ

संपादनः ए जमाल