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यूएन महासभा में भारत-पाकिस्तान का आमना सामना

१ अक्टूबर २०१५

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें सत्र में भारत के स्थाई मिशन में प्रथम सचिव अभिषेक सिंह ने पाकिस्तान को सीधे सीधे "आतंकवाद का मुख्य प्रायोजक" कह डाला. आम चर्चा के दौरान पाकिस्तान के सुझावों का जवाब ऐसे दिया गया.

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तस्वीर: Reuters/E. Munoz

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने शांति के लिए कश्मीर से भारतीय सेना हटाने को जरूरी बताया था. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान से उसके कब्जे वाला कश्मीर जल्द से जल्द खाली करने की अपील की है. 193 राष्ट्रों की संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वे अपने देश में शासन चलाने के लिए एक "वैध साधन" के रूप में आतंक का इस्तेमाल करते हैं.

न्यूयॉर्क में दिए इस बयान के बाद नई दिल्ली से भी इसका जोरदार समर्थन सामने आया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कई ट्वीट किए.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अब तक कश्मीर मामला ना सुलझाने को यूएन की असफलता बताते हुए भारत के साथ चार बिंदुओं वाली एक "शांति पहल" का प्रस्ताव रखा. इसमें कश्मीर से सेनाएं हटाए जाने का प्रस्ताव भी शामिल था. शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का "प्राथमिक शिकार" है.

शरीफ के संबोधन के बाद भारत की ओर से अपने उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सिंह ने कहा, "भारत अब भी पाकिस्तान के साथ एक आतंकमु्क्त और हिंसामु्क्त माहौल में तमाम अटके पड़े मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार है." शरीफ ने कहा कि वे भारत का विरोध नहीं, बल्कि उसके साथ सहयोग का आह्वान करते हैं.

शरीफ ने कहा कि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देशों को कश्मीर में लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघनों पर ध्यान देकर उसे विधिसंगत बनाना चाहिए. शरीफ ने यूएन सैनिक निगरानी समूह का विस्तार कर उसे भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर सीजफायर पर नजर रखने का प्रस्ताव रखा.

सितंबर में ही नई दिल्ली में दोनों देशों के सुरक्षा सलाहकारों के बीच होने वाली शांति वार्ता अंतिम समय में रद्द कर दी गई थी. दोनों देश 1947 में आजादी के बाद तीन युद्ध लड़ चुके हैं.

आरआर/आईबी (पीटीआई, रॉयटर्स)