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कश्मीर में मोदी का अहम दौरा

१२ अगस्त २०१४

करगिल में पाकिस्तान और भारत की जंग के 15 साल बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने दौरा किया. इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान पर छद्म युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया.

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तस्वीर: AP

दोनों देशों की विवादित सीमा पर हो रहे झगड़ों के बीच मोदी हिमालय के इस शहर में पहुंचे. 1999 में पाकिस्तान और भारत के बीच वहां युद्ध लड़ा गया था, जिसमें 1000 सैनिकों की मौत हुई थी. उस घटना के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री वहां पहुंचा है.

करगिल की आबादी सिर्फ 20,000 है और आम तौर पर सर्दियों में यह बाकी की दुनिया से कट जाता है. प्रधानमंत्री मोदी की तैयारियों के लिए यहां बीजेपी के झंडे लगाए गए और करीब 5000 लोग उनकी बात सुनने के लिए जमा हुए. कश्मीर दौरे में मोदी ने कहा कि वह राज्य में सड़कों का जाल बनाना चाहते हैं और यहां पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं. यह इलाका काफी दिनों से उग्रवाद से प्रभावित है.

Narendra Modi Indien besucht Kaschmir
प्रधानमंत्री के तौर पर कश्मीर का दूसरा दौरातस्वीर: picture-alliance/dpa

इस मौके पर लेह की पारंपरिक पोशाक में मोदी ने कहा, "एक समय था, जब प्रधानमंत्री इस राज्य में नहीं आते थे. मैं दो बार यहां आ चुका हूं. हम युवाओं के लिए नौकरियां उपलब्ध कराना चाहते हैं. हम उनके लिए शिक्षण संस्थान बनाना चाहते हैं. सरकार इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है."

कश्मीर के अलगाववादी भारत से अलग होना चाहते हैं और इस मुद्दे पर 1989 से संघर्ष चला आ रहा है. थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर कॉनफ्लिक्ट मैनेजमेंट के अजय साहनी का कहना है मोदी का यह दौरा इस इलाके को राष्ट्रीय केंद्र में लाने की दिशा में अहम कदम है, "सरकार की इस पहल का फायदा यह होगा कि सत्ता का समीकरण पाकिस्तान की बजाय भारत की तरफ होगा. और यह भारत के साथ विकास और प्रगति के बारे में सोच सकेगा."

अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सियाचिन भी जाएंगे, जो दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है. अनुमान है कि 1984 से वहां 8000 सैनिकों की मौत हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर हिमस्खलन, भूस्खलन, ठंड लगने या ऊंचाई पर रहने से होने वाली मौतें हैं. मोदी के साथ भारत के नए सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग हैं और समझा जाता है कि दोनों वहां सैनिकों को संबोधित करेंगे.

भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन में 1987 में झड़प हो चुकी है. लेकिन 2004 के एक समझौते के बाद यहां आम तौर पर शांति है. भारत और पाकिस्तान ने 2003 में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का एलान किया था. पर इसके बाद भी इक्का दुक्की घटनाएं होती रहती हैं.

एजेए/एएम (एएफपी)