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"कारोबारी युद्ध" हैं अमेरिकी प्रतिबंध: रूस

३ अगस्त २०१७

अमेरिका के नए प्रतिबंध, "पूरी तरह कारोबारी युद्ध हैं." रूसी प्रधानमंत्री मेदवेदेव के मुताबिक ये प्रतिबंध दिखाते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति संसद के सामने कितने कमजोर हैं.

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Russland Die Basilius-Kathedrale ist durch ein Tor am Roten Platz im Zentrum von Moskau zu sehen
तस्वीर: Reuters/File Photo/M. Zmeyer

ट्रंप ने हाल की में रूस पर नए प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर दस्तखत किये हैं. रूस पर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में दखल देने आरोप हैं. यूक्रेन में रूसी कार्रवाई से भी अमेरिकी संसद नाराज है. रूस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव बीते हफ्ते अमेरिकी संसद लेकर आई. वोटिंग में उसे बहुमत से पास किया गया. फिर विधेयक राष्ट्रपति के पास गया.

ट्रंप चाहते तो वीटो अधिकार का इस्तेमाल कर विधेयक का रास्ता को रोक सकते थे. लेकिन रूस से करीबी रिश्तों के चलते वह पहले से ही दबाव में हैं. लिहाजा उन्हें प्रस्ताव पर दस्तखत करने पड़े. प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के दौरान ट्रंप ने कहा कि कांग्रेस विधेयक पर अति कर रही है. विधेयक पर अपनी टिप्पणी जोड़ते हुए उन्होंने इसे बेहद खामियों वाला करार दिया. ट्रंप ने कहा, "एक राष्ट्रपति होने के नाते, मैं कांग्रेस की तुलना में विदेशी मुल्कों से काफी बेहतर डील कर सकता हूं."

Deutschland | Hamburg - G20 Donald Trump und Vladimir Putin
प्रतिबंधों ने जी-20 सम्मेलन के गर्माहट को ठंडा किया तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/E. Vucci

प्रतिबंध लगाने वाला कानून रूस की ऊर्जा परियोजनाओँ में अमेरिकी निवेश की सीमा तय करता है. साथ ही रूस के साथ काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाने वाला है. विधेयक में उत्तर कोरिया और ईरान पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. ईरान ने प्रतिबंधों को परमाणु करार का उल्लंघन करार दिया है. तेहरान ने कहा कि वह सही तरीके से इसका जवाब देगा.

लेकिन रूसी प्रधानमंत्री तुरंत ही अमेरिकी कदमों की आलोचना कर दी. अपने फेसबुक पेज पर मेदवेदेव ने कहा कि प्रतिबंधों का पैकेज "अमेरिका के नए प्रशासन के साथ हमारे रिश्ते बेहतर करने की उम्मीदों को खत्म करता है."  मेदवेदेव ने यह भी कहा कि ट्रंप का प्रतिबंधों पर दस्तखत करना दिखाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति कांग्रेस के सामने कितने लाचार हैं.

अमेरिकी एजेंसियों का आरोप है कि मॉस्को ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल दिया और इसका फायदा डॉनल्ड ट्रंप को हुआ. ट्रंप के बेटे और दामाद पर मॉस्को से करीबी रिश्तों का आरोप है. अमेरिकी कांग्रेस की विशेष समिति और एक खास जांच एजेंसी मामले की पड़ताल कर रही है. रूस इन आरोपों से इनकार करता आया है.

बीते हफ्ते जब अमेरिकी कांग्रेस ने प्रतिबंध संबंधी विधेयक पास किया तब भी मॉस्को ने कड़ा रुख अपनाया. रूस ने अपने यहां अमेरिकी दूतावास और उच्चायोग में तैनात स्टाफ की संख्या में 755 की कटौती करने को कहा. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद वॉशिंगटन और मॉस्को के रिश्तों में जो बदलाव दिख रहा था वह अब पुराने दौर के तनाव में बदल रहा है.

(फेसबुक पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स वाले नेता)

ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)