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काले धन पर जुर्माना भरता एचएसबीसी

११ दिसम्बर २०१२

एचएसबीसी बैंक अमेरिकी सरकार को लगभग दो अरब डॉलर का जुर्माना दे रही है. बैंक पर आरोप लगे हैं कि उसने मेक्सिको की ड्रग माफिया सहित "आतंकवादियों" और ईरान की मदद की है. अब तक का यह ऐसा सबसे बड़ा जुर्माना है.

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तस्वीर: dapd

एचएसबीसी लंदन में पंजीकृत है लेकिन इसका ज्यादातर काम एशिया में होता है. बैंक ने एक बयान में कहा है कि वह अमेरिकी सरकार को 1.9 अरब डॉलर का जुर्माना देगी ताकि उस पर काले धन को सफेद करने के आरोपों को खत्म किया जा सके. बैंक ने कहा, "एचएसबीसी काले धन को सफेद कराने और प्रतिबंधों से संबंधित कानूनों के आधार पर अमेरिकी सरकार के साथ समझौता कर चुकी है, ." एचएसबीसी ने अपनी गलतियों की जिम्मेदारी भी ली है और कहा है कि वह अमेरिकी न्याय मंत्रालय के साथ कंपनी नीतियों पर बात कर रहा है. कंपनी के प्रमुख स्टुअर्ट गुलिवर ने कहा कि उनकी बैंक पहले की तरह नहीं है और वह वैश्विक वित्तीय प्रणाली की अखंडता को बनाए रखना चाहती है. बैंक इस सिलसिले में सरकारों और अधिकारियों की मदद करती रहेगी.

अगर बैंक पर औपचारिक तौर पर काले धन को सफेद करने के आरोप लगते तो उसे अपने कई ग्राहकों को खोना पड़ता और अमेरिका में उसके काम में काफी परेशानियां आतीं. निवेश बैंक कोर पैसिफिक यामाइची में काम कर रहे कैस्टर पैंग कहते हैं कि इस खबर से निवेशकों को राहत मिली है क्योंकि इससे अनिश्चितताएं कम हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर बैंक पर जांच शुरू होती तो उसे बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ता. इस खबर का अच्छा असर स्टॉक बाजार में एचएसबीसी के शेयरों पर भी दिख रहा है.

इस साल जुलाई में अमेरिकी सीनेट की एक रिपोर्ट में कहा गया कि एचएसबीसी ने मेक्सिको, सउदी अरब और बांग्लादेश में सहयोगी संस्थानों की मदद से अमेरिका में अरबों डॉलर लाने की कोशिश की. सहयोगी संस्थानों के जरिए पैसों के ट्रांसफर पर नियंत्रण नहीं रखा जा सका. इन पैसों से मेक्सिको में ड्रग माफिया और आतंकवादी नेटवर्कों को फायदा हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि एचएसबीसी और उसके अमेरिकी सहयोगी संस्थान ने ईरान को 16 अरब डॉलर का भुगतान छिपाए रखा और ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को नजरंदाज किया.

अमेरिकी सरकार के साथ समझौते से पहले इस साल नवंबर में बैंक ने कहा कि वह अमेरिकी सरकार को जुर्माना देने के लिए 1.5 अरब डॉलर की राशि अलग कर चुकी है. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक दूसरे बयान में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के बारे में कहा है कि वह अमेरिकी सरकार को लगभग तीन करोड़ 27 लाख डॉलर जुर्माना दे रहा है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड पर भी आरोप है कि उसने ईरान और म्यांमार पर अमेरिकी प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए पैसे ट्रांसफर किए.

एमजी/एएम(एएफपी, डीपीए)

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