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किडनी देने की शर्त पर रिहा हुईं बहनें

८ जनवरी २०११

डकैती के लिए जेल की सजा काट रहीं दो बहनों को इस शर्त पर रिहा कर दिया गया है कि उनमें से एक अपनी किडनी दूसरी को देगी. 16 साल से जेल में बंद दोनों बहनों को मिसीसिपी के गवर्नर हाले बार्बर ने शुक्रवार को रिहा कर दिया.

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तस्वीर: fotolia/Benjamin Haas

ग्लैडिस और जेमी स्कॉट जब अमेरिका के मिसीसिपी की केंद्रीय जेल से 16 साल बाद बाहर निकलीं तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट थी. वे हाथ हिला रही थीं और "शुक्रिया शुक्रिया" चिल्ला रही थीं. उनकी रिहाई के लिए आंदोलन करने वाले उनके समर्थक दूर दूर से उनके स्वागत के लिए आए थे. जब दोनों बहनें एक नीली कार में बैठकर भीड़ के बीच से गुजरीं तो वे लगातार हाथ हिला कर अपने समर्थकों का अभिवादन करती रहीं.

मिसीसिपी के रिपब्लिकन गवर्नर बार्बर 2012 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने लंबे समय से चली आ रही दोनों बहनों की रिहाई की मांग को आखिरकार मंजूरी दे दी. इसके लिए शर्त रखी गई है कि 36 साल की ग्लैडिस स्कॉट एक किडनी अपनी बीमार बहन 38 साल की जेमी स्कॉट को देगी. बार्बर ने कहा कि दोनों बहनों की रिहाई के फैसले के पीछे एक वजह यह भी है कि जेमी स्कॉट की किडनी का इलाज सरकार के लिए एक आर्थिक बोझ बन रहा था.

हालांकि इस फैसले की कई तबकों में निंदा हो रही है. हैकेनसैक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में अंग प्रत्यर्पण के प्रमुख माइकल शापिरो ने रिहाई के लिए किडनी देने की शर्त लगाने को अनैकित करार दिया है.

दोनों को 1993 में एक आदमी को लूटने के लिए सजा सुनाई गई थी. उनका किसी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था लेकिन अदालत ने उन्हें दो दो उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उन्होंने जो रकम लूटी वह 11 से 200 डॉलर के बीच थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए जमाल

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