1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कितना तैयार जर्मनी 36 लाख आप्रवासियों के लिए

२६ फ़रवरी २०१६

एक ओर जर्मनी में शरणार्थियों की बाढ़ पर लोगों के बीच असहजता बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर अनुमान है कि 2015 से 2020 के दौरान जर्मनी में 36 लाख आप्रवासी हो सकते हैं.

https://p.dw.com/p/1I2i3
Deutschland Flüchtlinge Tempelhof Berlin
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup

जर्मन अखबार जुडडॉयचे साइटुंग ने वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से लिखा है कि साल 2020 तक जर्मनी में 36 लाख आप्रवासियों के आने की संभावना है. यह अनुमान सालाना आने वाले आप्रवासियों के औसत के आधार पर लगाया जा रहा है. अनुमान है कि 2016 से 2020 तक सालाना औसतन पांच लाख आप्रवासी जर्मनी आएंगे. रिपोर्टों के मुताबिक साल 2015 में जर्मनी में करीब 11 लाख शरणार्थियों ने प्रवेश किया. यानि अगर यही रफ्तार रही जैसी सोची जा रही है तो 2020 तक संख्या 36 लाख तक पहुंच जाएगी.

अब तक जर्मनी में प्रवेश कर चुके शरणार्थियों की संख्या से ही जर्मनी में व्यवस्थापन संबंधी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. जर्मनी में शरणार्थियों के मुद्दे को लेकर बड़ी बहस छुड़ी हुई है. सवाल बना हुआ है कि क्या शरणार्थियों की इतनी बड़ी संख्या को देश की संस्कृति के साथ एकीकृत करना संभव है. ऐसे में कुछ उग्रदक्षिणपंथी पार्टियां अपना राजनीतिक फायदा भी देख रही हैं. नववर्ष की पूर्व संध्या पर कोलोन में महिलाओं के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के बाद से जर्मनी में शरणार्थियों की बाढ़ के विरोधी स्वर जोर पकड़ रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसने आर्थिक कारणों को ध्यान में रखते हुए आंतरिक तैयारी का अवलोकन किया है. हालांकि सरकार ने कोई आधिकारिक अनुमान देने से इनकार किया. सरकार का कहना है कि फिलहाल यह कहना संभव नहीं है कि ठीक कितनी संख्या में और शरणार्थी देश में प्रवेश करेंगे.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब जर्मन संसद इस बारे में नए उपायों पर मतदान करेगी कि जर्मनी में शरण चाहने वाले कितने लोगों की अर्जियां स्वीकार होनी चाहिए और उनकी अर्जी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. पिछले दिनों जर्मनी के पूर्वी राज्य सैक्सनी में शरणार्थियों से भरी बस को भीड़ ने घेर लिया और उनके विरोध में "वापस जाओ" के नारे लगाए. जर्मन सरकार के शरणार्थियों की बड़ी तादाद के लिए द्वार खोलने का कुछ उग्रदक्षिणपंथी गुट कई महीनों से विरोध कर रहे हैं. उग्रदक्षिणपंथी विचारधारा वाला पेगीडा खास कर ड्रेसडेन में सक्रिय है, जहां वह आए दिन शरणार्थियों के खिलाफ प्रदर्शन करता है.

एसएफ/आईबी (डीपीए)