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किर्गिज़स्तान में सरकार का तख्ता पलट

८ अप्रैल २०१०

मध्य एशियाई गणराज्य किर्गिज़स्तान में सरकार के विरोधियों और सुरक्षा बलों के बीच खूनी झड़प के एक दिन बाद विपक्ष ने सत्ता पर पूरी तरह संभाल लेने का दावा किया है.

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विपक्ष की नेता रोज़ा ओतुन्बायेवा बिश्केक में प्रैस कॉन्फरैंस को संभोदित करते हुए.तस्वीर: AP

विपक्ष की नेता और पूर्व विदेश मंत्री रोज़ा ओतुन्बायेवा ने राष्ट्रपति कुर्मानबेक बाकियेव के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि देश की कमान अब वो अपने हाथ में ले रही हैं. विपक्ष की नई सरकार ने देश के ज्यादातर हिस्सों में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है लेकिन ओश और जलालाबाद अभी भी उस के नियंत्रण में नहीं हैं. माना जा रहा है कि बाकियेव फिलहाल जलालाबाद में छिपे हुए हैं. रोज़ा ओतुनबायेवा ने इस बारे में कहा, "स्थिति अभी भी बिगड़ सकती है. बाकियेव दक्षिण में जा कर छिप गए हैं. इसका मतलब है कि वहां प्रतिरोध अभी भी जारी रहेगा. हम सेना से आग्रह करते कि वह बलप्रोग न करे. और जनता से भी हमारी यही अपील है कि वो दंगे-फ़साद न करे."

बदलेंगी नीतियां

Kirgistan Kirgisien Demonstranten im Regierungssitz in Bischkek
राजधानी बिश्केक में राष्ट्रपति बाकियेव के कैबिनेट कक्ष पर कब्ज़ा जमाए विपक्ष के समर्थकतस्वीर: AP

रोज़ा ओतुन्बायेवा ने स्पष्ट कर दिया है कि बाकियेव के लिए अब कोई जगह नहीं है. बस अब सवाल यह है कि वे किस तरह से अपना पद त्यागेंगे. इस बीच विपक्ष ने संसद को भंग कर दिया है.अगली सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी संवैधानिक संशोधन करना. दरअसल राष्ट्रपति बाकियेव ने अपने पांच साल के कार्यकाल में कई अलोकतांत्रिक फैसले लिए जो नागरिक के अधिकारों, प्रेस की स्वतन्त्रता और विपक्षी दलों के खिलाफ थे. रोज़ा ओतुन्बायेवा ने इन और अन्य क्षेत्रों में परिवर्तनों की घोषणा करते हुए कहा, "शीघ्र ही ऐसे अध्यादेश जारी किये जायेंगे ताकि अवैध रूप से और बिल्कुल सस्ते में बेंचे गये सरकारी उद्यम सरकार को वापस मिल सकें. हमारी सरकार का पिछली सभी दरों को बहाल करने का इरादा है. हम बिजली की दरें भी कम करेंगे."

यूरोपीय संघ और पूतिन मदद के लिए तयार

Kirgistan Kirgisien Feuer vor Regierungssitz in Bischkek
राजधानी बिश्केक में सरकारी मुख्यालय के सामने आगजनीतस्वीर: AP

उन्होने यह भी कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय संधियों का सम्मान होगा. अमेरिकी एयरबेस मानस भी खुला रहेगा और अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों का भी ध्यान रखा जाएगा. इस बीच यूरोपीय संघ और रूसी प्रधानमंत्री पूतिन ने नयी सरकार को मानवीय सहायता देने की पेशकश की है. ताजा सरकारी आंकड़ों के हिसाब से किर्गिज़स्तान में बुधवार को सरकार विरोधियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में कम से कम 74 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अभी भी राजधानी बिश्केक में शान्ति का माहौल नहीं है. इमारतें में आग लगी है और लूटपाट जारी है.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया

संपादन: राम यादव