किर्गिस्तान में हिंसा, 100 से ज्यादा मरे
१४ जून २०१०रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के सदस्यों का कहना है कि हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. ओश शहर में जगह जगह आग लगी हुई है. सड़कों पर लोगों के शव बिखरे हुए हैं. मरने वालों में ज्यादातर लोग उज्बेक मूल के है. हमलावरों ने उज्बेक समुदाय के लोगों के साथ साथ उनके घर और दुकानों को निशाना बनाया है. ओश में लगातार गोलियों की आवाज सुनाई पड़ रही है. किर्गिज मूल की हमलावर भीड़ खुलेआम हथियारों के साथ घूम रही है.
ओश में करीब 15 पाकिस्तानी नागरिकों को भी बंधक बनाया गया है. कर्फ्यू के बावजूद लगातार हालात बिगड़ते देख अंतरिम सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं. इस बीच 75000 से ज्यादा लोग उज्बेकिस्तान की तरफ भाग रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं. अभी तक कोई अतंरराष्ट्रीय एजेंसी वहां तक मदद के लिए नहीं पहुंची है.
इस बीच रूस ने कहा है कि वह अपने अर्धसैनिक बलों की एक टुकडी़ हिंसा वाले इलाकों में भेजेगा. इस टुकड़ी का मकसद रूसी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना होगा. किर्गिस्तान रूस से हिंसा को रोकने के लिए सैन्य मदद मांग चुका है. लेकिन मॉस्को ने फिलहाल यह अपील ठुकरा दी है. पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रहे किर्गिस्तान में पिछले हफ्ते से ही नस्ली हिंसा जारी है. 55 लाख की आबादी वाले देश में रूस और अमेरिका के सैन्य अड्डे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल