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कुछ मामलों में कॉन्डम जायज: पोप

२१ नवम्बर २०१०

पोप बेनेडिक्ट 16वें ने ऐसे मुद्दे पर बात की है जिससे अब तक चर्च बचता रहा है. उन्होंने कॉन्डम को एचआईवी से लड़ने का एक साधन बताया है. हालांकि पोप का यह बयान बेहद हैरतअंगेज माना जा रहा है

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तस्वीर: AP

पोप ने कुछ वक्त पहले कहा था कि एड्स के संकट को भयानक बनाने के लिए कॉन्डम ही जिम्मेदार है. अब उन्होंने पुरुष सेक्स वर्करों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि जो लोग कॉन्डम का इस्तेमाल कर रहे हैं वे जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

पोप ने यह टिप्पणी जर्मन पत्रकार पीटर सीवाल्ड को दिए इंटरव्यू में की है. यह इंटरव्यू एक किताब में छपा है. लाइट ऑफ द वर्ल्ड: द पोप, द चर्च एंड द साइन्स ऑफ द टाइम्स नाम की यह किताब आने वाले गुरुवार को बाजार में आएगी. वेटिकन के अखबार एल'ओजेरवेतोर रोमानो ने शनिवार को इस इंटरव्यू के कुछ अंश छापे हैं.

Papst Benedikt XVI mit irischen Bischöfen bei Gesprächen im Vatikan
कॉन्डम पर बोलने से बचता रहा है वैटिकनतस्वीर: AP

चर्च काफी समय से कॉन्डम का विरोध करता रहा है कि क्योंकि वे कृत्रिम गर्भ निरोधक की श्रेणी में आते हैं. हालांकि कॉन्डम और एचआईवी को लेकर चर्च ने कभी किसी तरह की नीति नहीं बनाई. लेकिन अपने इस रवैये को लेकर चर्च की हमेशा आलोचना होती रही है.

अब पोप बेनेडिक्ट 16वें ने जो रुख पेश किया है वह पहले से अलग है. उन्होंने कहा कि एड्स को रोकने के लिए कॉन्डम नैतिक समाधान तो नहीं हैं लेकिन कुछ मामलों में, मसलन पुरुष सेक्स वर्करों के मामले में कॉन्डम का इस्तेमाल नैतिक जिम्मेदारी निभाने की ओर पहला कदम हो सकता है.

पोप ने मिसाल के तौर पर पुरुष सेक्स वर्करों का नाम लिया जिनके मामले में गर्भ निरोधकों का मुद्दा ही खड़ा नहीं होता. लेकिन उन्होंने ऐसे विवाहित जोड़ों का नाम नहीं लिया जिनमें से एक पार्टनर एचआईवी से ग्रस्त हो. ऐसे जोड़ों के लिए कॉन्डम के इस्तेमाल को भी गलत बताने वाले वेटिकन की अक्सर चर्च के अधिकारी तक आलोचना करते रहे हैं.

2009 में पोप को तीखी आलोचना झेलनी पड़ी थी जब अफ्रीका दौरे पर उन्होंने कॉन्डम विरोधी बयान दिए थे. उन्होंने कहा था कि कॉन्डम बांटने से अफ्रीका महाद्वीप में एड्स की समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकता बल्कि यह तो समस्या को बढ़ाता है. पोप की इस टिप्पणी का एड्स के खिलाफ काम करने वाले कार्यकर्ताओं के अलावा यूरोपीय सरकारों और संयुक्त राष्ट्र तक ने विरोध किया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन