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केरल में बढ़े तलाक के मामले

२ नवम्बर २०१०

शत प्रतिशत साक्षरता के लिए मशहूर भारत के दक्षिणी राज्य केरल में तलाक लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सामाजिक तानेबाने और सोच में बदलाव की वजह से शादीशुदा घर टूट रहे हैं. शादी की उम्र बढ़ाने की मांग उठी.

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तस्वीर: UNI

सरकारी आकड़ों के मुताबिक राज्य की पारिवारिक अदालतों में 2009-2010 में 11,600 तलाक के मामले दर्ज किए गए. 2005-2006 में यह संख्या केवल 8,456 थी. उसके बाद वाले साल 2006-2007 में इस तरह के 9,775 मामले देखे गए. लेकिन 2008-2009 में राज्य भर में तलाक के मामले बढ़कर 11,194 हो गए.

अब तक त्रिशूर जिले में सबसे ज्यादा तलाक के लिए आवेदन आ रहे थे. लेकिन 2009-2010 में एर्नाकुलम जिले में 1,505 मामले दर्ज किए गए. इस दौरान त्रिशूर में केवल 1,022 मामले अदालत के सामने पेश किए गए.

सामाजिक कार्यकर्ता, गैर सरकारी संगठनों और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि तलाक के बढ़ते मामलों का सीधा संबंध सामाजिक बदलाव से है. अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसस के डॉ. दिनेश कहते हैं कि सामाजिक मूल्यों में गिरावट भी इसकी वजह हो सकती है. शराब पीने वालों की संख्या बढ़ गई है और व्यक्तित्व से जुड़ी परेशानियां भी ज्यादा देखने को मिल रही हैं.

इन सब को देखते हुए केरल के महिला आयोग ने प्रस्ताव रखा है कि लड़कियों के लिए शादी की उम्र को कानूनी तौर पर 18 से बढ़ाकर 25 वर्ष किया जाए और लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 से बढ़ाकर 28 साल की जाए.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः ए कुमार

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