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कैंसर को खत्म करने वाला वायरस

३० नवम्बर २०१२

जानवरों में पाए जाने वाला एक खास विषाणु इंसान के कैंसर खत्म कर सकता है. जर्मनी में वैज्ञानिक इस विषाणु को इंसानों पर टेस्ट कर रहे हैं. नतीजे आशा जगाने वाले हैं. इस बार के मंथन में ऐसी ही कई दिलचस्प रिपोर्टें हैं.

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तस्वीर: picture alliance/CHROMORANGE

कैंसर के कारण हर साल दुनिया भर में लाखों लोग जान गंवा रहे हैं. यह बीमारी बदलती जीवनशैली को भी दर्शाती है. अब तक ऑपरेशन या कीमोथेरेपी से ही इसका इलाज किया जाता है. लेकिन अब जर्मन वैज्ञानिक एक वायरस की मदद से कैंसर से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जानवरों में मिलने वाले इस विषाणु का नाम पारवोवाइरस है.

वैज्ञानिकों का दावा है कि पारवोवाइरस कैंसर को जड़ से खत्म कर सकता है. जर्मनी के कैंसर रिसर्च सेंटर में कई मरीजों पर इसका परीक्षण किया जा रहा है. सबसे पहले ब्रेन ट्यूमर के शिकार लोगों के सिर में पारवोवाइरस की खुराक डाली गई. इसके बाद ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया और फिर पारवोवाइरस की खुराक डाली गई. कुछ महीनों बाद जब वैज्ञानिकों ने मरीजों का निरीक्षण किया तो पता चला कि कैंसर पूरी तरह खत्म हो चुका है. वह लौटा भी नहीं. दरअसल पारवोवाइरस कैंसर की कोशिकाओं को जड़ से खत्म करने लगता है. मंथन में इस पर विशेष रिपोर्ट और चर्चा है.

Monsanto Bauer Brandon Hedges in Pawnee
मोंनसेंटो के मक्के पर विवादतस्वीर: AP

लेकिन कैंसर आखिर होता क्यों है. मेडिकल साइंस के पास अब भी इसका ठोस जवाब नहीं है. यूरोपीय संघ में खाने पीने की चीजों की गुणवत्ता को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है. फ्रांस के वैज्ञानिकों का दावा है कि जीन संवर्धित मक्के की एक किस्म चूहों को खिलाने के बाद उन्होंने चूहों में कैंसर पाया. अब जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में जानवरों को खिलाये जाने वाले इस मक्का पर बहस हो रही है. मक्का अमेरिकी कंपनी मोंनसेंटो का है.

कार्यक्रम में ऊर्जा संकट से निपटने के नए तरीकों की भी चर्चा की गई है. भारत भले ही दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक हो, लेकिन आज भी बड़ी आबादी को बिजली की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में ऊर्जा के नए नए स्रोतों की तलाश चल रही है. राजस्थान में भूसे से बिजली बनाई जा रही है. फसल कट जाने के बाद यह भूसा बेकार ही होता है. किसान खुश हैं कि उन्हें अब इसकी अच्छी कीमत मिल रही है. साथ ही कोयले के मुकाबले इस तरीके में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का कम उत्सर्जन होता है.

वहीं जर्मनी में भी बिजली बनाने के नए तरीके ढूंढे जा रहे हैं. यहां उन जंगली फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्हें आम तौर पर जमीन और खेती के लिए बुरा समझा जाता है. रिपोर्ट में एक किसान और एक बीज विशेषज्ञ से बात की गयी है और इस तरीके को समझाया गया है.

Airbus A380 Boeing 747 Flugzeuge Flughafen Frankfurt am Main
बोइंग की सर्विसिंगतस्वीर: picture-alliance/dpa

शनिवार को प्रसारित होने वाले मंथन में यह भी बताया गया है कि नमकीन पानी आखिरी बहुत देर में क्यों जमता है. पानी आम तौर पर शून्य डिग्री सेल्सियस पर जमता है, लेकिन समुद्र का खारा पानी माइनस 22 डिग्री तक की सर्दी झेल सकता है. नमक पानी को जमने से रोकता है. रिपोर्ट में समझाया गया है कि किस तरह से नमक में मौजूद सोडियम और क्लोराइड पानी के जमने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं.

कार्यक्रम के अंत में बोइंग कंपनी के एक बडे 747 विमान की सर्विसिंग पर रिपोर्ट है. 89,000 घंटे की उड़ान के बाद इस विमान को वर्कशॉप में लाया गया है. इंजीनियरों को पता चलता है कि करोड़ों किलोमीटर की यात्रा करने के बाद विमान के किन पार्ट्स को बदला जाना है.

ईशा भाटिया/ओएसजे

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