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कैसे खत्म हो गाजा का संकट

११ जुलाई २०१४

गाजा संकट दिखाता है कि इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हमास इस्राएल को झटका देना चाहता था. लेकिन इसके बाद जो तनाव बढ़ा है उस कारण हमास की कूटनीतिक कलई खुल गई है. हमास के पास इससे बाहर आने का कोई रास्ता नहीं है.

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तस्वीर: Reuters

इस्राएल और गाजा का ताजा विवाद इस्राएली किशोरों के गायब होने के बाद शुरू हुआ. लापता किशोरों की तलाश में इस्राएली सेना ने पश्चिम तट में महीने भर से ज्यादा खोजी अभियान चलाया. इस कारण 900 फलीस्तीनियों को जेल भी जाना पड़ा, इसमें अधिकतर लोग हमास के सदस्य हैं. फिर तीनों किशोरों का शव मिला.

इसके बाद फलीस्तीनी किशोर को जिंदा जलाए जाने की घटना सामने आई और विवाद सुलग उठा. आरोप है कि फलीस्तीनी किशोर की हत्या यहूदी चरमपंथियों ने की. लापता इस्राएली किशोरों के शव पश्चिम तट में मिलने के बाद फलीस्तीनी किशोर की हत्या को स्पष्ट बदला के रूप में देखा गया. इस्राएल कहता है कि लापता किशोरों की हत्या हमास ने की.

हमास का कहना है कि वह युद्ध नहीं चाहता था, लेकिन अब सैकड़ों इस्राएली बम तटीय पट्टी को निशाना बना रहे हैं. हमले में मासूम गाजा निवासी मारे जा रहे हैं. फलीस्तीनी स्वास्थकर्मियों का कहना है कि मरने वालों में आम नागरिक शामिल हैं. हमास का कहना है कि यह इस्राएल का दायित्व है कि इस युद्धस्थिति को समाप्त करे. इस्राएल पर किए गए हमास के रॉकेट हमलों से वहां जान माल का नुकसान अब तक नहीं हुआ है. इस्राएल का मिसाइल डिफेंस सिस्टम बहुत ताकतवार है, वह अपनी तरफ आने वाले रॉकेटों को नष्ट कर देता है.

बुधवार को प्रसारित एक बयान में हमास के नेता खालेद मेशाल ने कहा, "हां, हम शांति चाहते हैं. हमें तनाव में वृद्धि नहीं पसंद है. इस्राएल के प्रधानमंत्री ने हम पर यह आक्रमण थोपा है."

इससे पहले इस्राएल की ताकतवर सेना और फलीस्तीनी चरमपंथियों के बीच इस तरह का संघर्ष हो चुका है. पिछला मामला 2012 का है जब 8 दिनों तक संघर्ष हुआ. 2008 में गाजा और इस्राएल के बीच एक महीने तक हिंसक टकराव चलता रहा और इस्राएल ने गाजा में जमीनी कार्रवाई की.

साल 2000 में दूसरे फलीस्तीनी विद्रोह के बाद से ही गाजा पट्टी में सशस्त्र गुट हमास और कुछ छोटे समूह जैसे इस्लामी जेहाद ने इस्राएल पर रॉकट दागने शुरू किए थे. हमास अपने बनाए गए रॉकेटों को कसस्म कहता है जो उसके सशस्त्र शाखा कसस्म ब्रिगेड के नाम पर है.

एए/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)