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कैसे बचेंगे प्यारे पेंग्विन

युर्गेन श्नाइडर/एमजे१५ अगस्त २०१६

दक्षिणी ध्रुव के पास बर्फीले इलाकों में रहने वाले पेंग्विनों की जिंदगी आसान नहीं. जंगली जानवरों के अलावा इंसानी गतिविधियां भी इनकी हालत खस्ता कर रही हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel/A. Rose

समुद्र में लंबे शिकार के बाद आराम. पेंग्विन बहुत कठिन जिंदगी बिताते हैं. हर दिन वे घंटों समुद्र में अपने लिए और जमीन पर इंतजार कर रहे अपने बच्चों के लिए मछली पकड़ते हैं. दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी तट पर बसे पेंग्विनों का झुंड अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे बड़ी आबादी है. यहां वे हजारों की तादाद में हैं. पेंग्विनों की आबादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकारी पर्यावरण संरक्षण संस्था केपनेचर के कुआन मैकजॉर्ज पर है. कुआन मैकजॉर्ज कहते हैं, "यह पहली कॉलनी है जो बढ़ रही है. दक्षिण अफ्रीका के समुद्र तट पर बाकी 27 कॉलनियों में ज्यादातर कॉलनी या तो घट रही है या खत्म हो रही हैं." इसलिए वे हर रोज पेंग्विनों की गिनती करते हैं और छोटे बच्चों की घोंसलों में जांच करते हैं.

इस बीच हर जीवित पेंग्विन महत्वपूर्ण है. मैकजॉर्ज के मुताबिक, " ये प्रजाति संघर्ष कर रही है. इन्हें हम सेंटीनल प्रजाति कहते हैं जो इस बात का संकेत देने वाली प्रजाति है कि हमारा समुद्र कितना स्वस्थ है. यदि समुद्र में बायोमास कम हो जाता है तो प्रजातियां जीवन के लिए संघर्ष करने लगती हैं. इस समय हम अफ्रीकी पेंग्विन के दो-ढाई फीसदी पर ध्यान दे रहे हैं. सिर्फ 20,000 जोड़े बचे हैं जो ब्रीड करते हैं."

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सर्दियों में दक्षिणी ध्रुव से गर्म इलाकों में जाते पेंग्विनतस्वीर: Imago/Nature Picture Library

समुद्र में बड़े पैमाने पर मछली मारे जाने का भी इन पक्षियों पर असर हो रहा है. उन्हें खाने को पर्याप्त चारा नहीं मिलता. इसके अलावा बहुत से पक्षी प्लास्टिक कचरे और तेल प्रदूषण के कारण मर रहे हैं. स्टोनी प्वाइंट मुख्य भूमि पर स्थित दो पेंग्विन कॉलनियों में से एक है. दोनों ही इंसानी बस्तियों के बीच में हैं.

पेंग्विन को गार्डन पसंद हैं. ये यहां एक बार्बेक्यू पर आराम कर रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मकान पेंग्विनों को तेंदुए जैसे दुश्मनों से दूर रखते हैं. विशेषज्ञ उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका के समुद्र तट पर पर्यटन बढ़ रहा है और ये पेंग्विनों की भी मदद कर रहा है. पर्यटकों को लेकर नाव नियमित रूप से पेंग्विन कॉलनी के पास जाती है. डायर द्वीप पर 50 साल पहले पेंग्विनों की सबसे बड़ी ब्रीडिंग कॉलनी हुआ करती थी. यहां 25,000 जोड़े रहते थे. पेंग्विनों के मल और अंडे इकट्ठा करने वालों ने इस कॉलनी को पूरी तरह नष्ट कर दिया.

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तस्वीर: Jürgen Schneider

पर्यटकों से होने वाली आमदनी से पर्यावरण रक्षकों ने पेंग्विनों के लिए एक बचाव केंद्र बनाया है. घायल पक्षियों का यहां इलाज होता है. दक्षिण अफ्रीका के समुद्र तट पर प्रजाति बहुलता में पेंग्विन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्टोनी प्वाइंट पर पर्यावरण संरक्षकों के काम का एक मुख्य मकसद है लोगों को पेंग्विनों के महत्व के बारे में जानकारी देना ताकि वे उन्हें बचाने में योगदान दे सकें. पेंग्विनों की कॉलनी के बीच से पक्की पगडंडियां गुजरती हैं. वहां लगी पट्टियों पर पर्यटक पेंग्विनों की जिंदगी के बारे में पढ़ सकते हैं.

खासकर बाहर समुद्र में पेंग्विनों की सुरक्षा करीब करीब असंभव है. तट से दूर मछली मारने वाले अंतरराष्ट्रीय मछुआरों के लिए पेंग्विनों की जिंदगी का कोई महत्व नहीं है. लेकिन वहीं इस प्रजाति की जिंदगी की असली लड़ाई चल रही है. यदि मछली के भंडार का गिरना जारी रहा तो पेंग्विन भी जीवित नहीं बचेंगे.