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कॉकपिट में दो लोगों की मौजूदगी जरूरी

२७ मार्च २०१५

जर्मनविंग्स हादसे ने यूरोप की विमान सेवाओं को दो सदस्यों वाले कॉकपिट नियम के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. इस बीच जर्मनी में इस बात की जांच जारी है कि आखिर अकेले को-पायलट ने विमान को जानबूझ कर क्यों गिराया होगा.

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Germanwings / Absturz / Wrackteil
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कॉकपिट में दो सदस्यों की अनिवार्यता का नियम अमेरिका में पहले से ही लागू है. उसी तर्ज पर अब यूरोप, कनाडा समेत दुनिया के कई देश इसे जरूरी करने पर विचार कर रहे हैं. जर्मनविंग्स के विमान 9525 के को-पायलट पर कथित रूप से कॉकपिट को अंदर से लॉक करने और जानबूझ कर विमान को गिराने का आरोप है. इस विमान पर 6 क्रू सदस्यों समेत कुल 150 लोग सवार थे जिनकी फ्रांसीसी आल्प्स पहाड़ियों में विमान के गिरने से मौत हो गई.

यूरोप की प्रमुख बजट एयरलाइंस कंपनियां जैसे नॉर्वेजियन एयर शटल, इजीजेट और कनाडा की कंपनी एयर कनाडा ने कहा है कि वे हवा में उड़ान भरते समय कॉकपिट में कम से कम दो क्रू सदस्यों के मौजूद रहने को अनिवार्य कर रही हैं. लुफ्थांसा और एयर बर्लिन जैसी जर्मनी की कई बड़ी एयरलाइंस के प्रतिनिधियों ने बताया है कि वे भी जल्द से जल्द इन नियमों को लागू करने की योजना बना रहे हैं. अमेरिका में 2001 में हुए 9/11 के आतंकी हवाई हमले के बाद से ही सभी अमेरिकी एयरलाइंस ने कॉकपिट में उपस्थित स्टाफ को लेकर अपनी नीतियों में कई बदलाव कर दिए थे. यूरोप या कनाडा में अब तक इस बारे में कोई अनिवार्य नियम नहीं बनाए गए थे.

अमेरिकी नियमों के अनुसार, जब भी कॉकपिट का दरवाजा खुला हो तब फ्लाइट अटेंडेंट्स की जिम्मेदारी होती है कि वे कॉकपिट और यात्रियों के बीच एक अवरोध खड़ा करें. कई विमानों में इसके लिए खानपान की ट्रॉली को बीच में लगा कर रास्ता रोका जाता है और कई दूसरे विमानों में इसके लिए तैयार खास तारों की जाली लगा दी जाती है. इसके अलावा जब पायलट शौचालय का इस्तेमाल करता है तो उस दौरान क्रू का कोई एक सदस्य उसकी जगह पर कॉकपिट में बैठता है.

जर्मनविंग्स के 27 वर्षीय को-पायलट के जानबूझ कर दुर्घटना को अंजाम देने के मामले में उसे किसी तरह की मानसिक परेशानी होने की भी जांच की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय नियमानुसार पायलटों की मानसिक स्थिति की भी 6 महीने या साल में एक बार जांच करवाई जाती है. उड्डयन क्षेत्र के कई विशेषज्ञ इस मानसिक जांच की प्रक्रिया को अप्रभावी बता रहे हैं. जर्मन दैनिक बिल्ड के हवाले से खबर छपी है कि दुर्घटनाग्रस्त हुए जर्मनविंग्स के को-पायलट को छह साल पहले गंभीर अवसाद की शिकायत हुई थी. दैनिक ने लिखा है कि साल 2009 में इस को-पायलट ने "भारी डिप्रेशन के दौरे" के लिए मनोवैज्ञानिक मदद भी ली थी और अब भी उसका इलाज चल रहा था. बिल्ड ने यह जानकारी जर्मनी के एयर ट्रांसपोर्ट नियामक एलबीए के दस्तावेजों के हवाले से दी है.

आरआर/एमजे (एपी, एएफपी)