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कॉमनवेल्थ कथा में एक नया 'घोटाला'

५ अगस्त २०१०

कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में भ्रष्टाचार के आरोपों में नया पेंच. आयोजन समिति के पूर्व अधिकारी पर आरोप, टैक्सी के किराए की रकम बढ़ा चढ़ा कर पेश करने के लिए कहा. कलमाड़ी ने हर जांच के लिए कमर कसी.

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तस्वीर: UNI

दिन बीतने के साथ आयोजन समिति की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. नया आरोप यह सामने आया है कि आयोजन समिति के एक अहम अधिकारी ने ब्रिटेन की एक कंपनी से कहा था कि वह टैक्सी किराए पर लेने की रकम को बढ़ा चढ़ाकर पेश करे. भारतीय टीवी चैनलों ने एक ईमेल प्रकाशित की है जिसे कथित तौर पर डॉ संजय मोहिन्द्रू ने एएम फिल्म्स के आशीष पटेल को लिखा है.

मोहिन्द्रू इस्तीफा देने से पहले आयोजन समिति के उपमहानिदेशक रह चुके हैं. इस ईमेल में मोहिन्द्रू ने पटेल को टैक्सी के किराए की रकम बढ़ाकर पेश करने के लिए कहा है. आशीष पटेल इस विवाद के केंद्र में हैं लेकिन उनका कहना है कि कोई भी गलत काम नहीं हुआ है. इस ईमेल में मोहिन्द्रू ने पटेल को कहा है कि वह टैक्सी का किराया प्रतिदिन 450 पाउंड तय करे. यह रकम सामान्य किराए से 300 पाउंड ज्यादा है.

Indien Chairman Suresh Kalmadi
तस्वीर: UNI

इस बीच सुरेश कलमाड़ी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह न्यायिक जांच या कोम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) से जांच कराए जाने के लिए तैयार हैं. उनका भी कहना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों के दौरान हर खरीद में पारदर्शिता बरती गई है. "आयोजन समिति का अध्यक्ष होने के नाते मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं. कैग से जांच या फिर न्यायिक जांच भी. जिन लोगों को भी दोषी पाया जाए फिर उन्हें सजा मिलनी चाहिए."

कलमाड़ी ने दोहराया है कि हर वित्तीय लेनदेन के मामले को आयोजन समिति की वित्तीय कमेटियों की हरी झंडी के बाद ही अंतिम रूप दिया गया और व्यक्तिगत रूप से उनका इस मामले में दखल नहीं रहा है. कलमाड़ी का कहना है कि वह भी इन आरोपों की गंभीरता को समझ रहे हैं और इसलिए उन्होंने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है जो इस पूरे मामले को देखेगी. कमेटी पांच अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगीय

राष्ट्रमंडल खेलों से कुछ दिन पहले उठ रहे आरोपों के इस तूफान से कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन काफी चिंतित है. अध्यक्ष माइक फेनल का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है और भारतीय अधिकारियों को इस मामले में जल्द दखल देने की जरूरत है. जब तक इस मामले का निपटारा नहीं हो जाता तब तक खेलों का आयोजन लटका नजर आता रहेगा. विपक्षी पार्टियां भी केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा रही हैं और व्यापक जांच की मांग कर रही हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम