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कॉलिन गोंजाल्वेस को अल्टरनेटिव नोबेल पुरस्कार

२६ सितम्बर २०१७

इस साल के "अल्टरनेटिव नोबेल" पुरस्कार पाने वालों में एक भारतीय भी शामिल हैं. मंगलवार को इन पुरस्कारों की घोषणा हुई जिसमें मानवाधिकार के वकील कॉलिन गोंजाल्वेस को उनके साहसी कामों के लिए यह पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.

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Colin Gonsalves
तस्वीर: Getty Images/Center for Reproductive Rights/I.S. Savenok

 

तीन और लोग भी इस पुरस्कार में हिस्सेदार होंगे. इनमें अजरबैजान की पत्रकार खदीजा इस्मायिलोवा और इथियोपियाई वकील येत्नेबरेश निगुशी भी शामिल हैं. इनके अलावा अमेरिकी पर्यावरणवादी वकील रॉबर्ट बिलॉट को ऑनरेरी अवार्ड देने की कोशिश की गई है. करीब 374,000 अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि तीनों विजेताओं में बांटी जाएगी. यह पुरस्कार हर साल दिया जाता है.

Khadija Ismayilwa
तस्वीर: Getty Images/IWMF/C. Gallay

इस पुरस्कार का आधिकारिक नाम राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड है. कॉलिन गोंजाल्वेस ने इस पुरस्कार का श्रेय "तीन दशकों से जनहित याचिकाओं का इस्तेमाल कर भारत के सबसे ज्यादा उपेक्षित और कमजोर लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अथक प्रयासों को दिया है."

पुरस्कार देने वाली कमेटी का मुख्यालय स्टॉकहोम में है और कमेटी का कहना है कि इस्मायिलोवा ने अपने देश अजरबैजान में "साहस और दृढ़ता" दिखा कर "पारदर्शिता और जवाबदेही के नाम पर शानदार खोजी पत्रकारिता के जरिए भ्रष्टाचार को उजागर किया."

निगुशी को विकलांग लोगों के अधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देने के उनके प्रेरक काम के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. अवार्ड कमेटी ने सिनसिनाटी के अटॉर्नी बिलोट के बारे में कहा है, "एक दशक से जारी रासायनिक प्रदूषण को उजागर कर उन्होंने पीड़ितों के लिए न्याय जीता और खतरनाक तत्वों के निपटारे के लिए असरदार नियम बनाने की मिसाल पेश की."

राइट लाइवलीहुड अवार्ड देने वाले फाउंडेशन के तरफ से जारी संदेश में कहा गया है कि जिन लोगों को पुरस्कार मिला है. उनका कहना है कि यह पुरस्कार जीत कर सम्मान की अनुभूति हुई है.

कॉलिन गोंजाल्वेस का कहना है, "इस पुरस्कार का एलान ऐसे वक्त में हुआ है जब भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर बेड़ियां लगाई जा रही है."

उधर बिलॉट ने उम्मीद जतायी है कि यह पुरस्कार "लोगों में जागरूकता फैलाने और पीने के पानी को बचाने के लिए और कदम उठाने की तत्काल जरूरत की तरफ ध्यान दिलायेगा. इसके साथ ही यह तय भी करेगा कि स्थानीय लोगों और समुदायों के पास इन कदमों के लिए जरूरी क्षमता और शक्ति हो."

Jakob von Uexkull und Hassan Fathy, The Right Livelihood Award, Alternativer Nobelpreis
जैकब फॉन ऑएक्सकलतस्वीर: RLA Foundation

1980 में सालाना राइट लाइवलीहुड अवार्ड देना शुरू किया गया. समाजसेवी जैकब फॉन ऑएक्सकल ने उन लोगों के लिए यह पुरस्कार शुरू किया जिनकी नोबेल पुरस्कारों में अनदेखी होती है. इससे पहले यह पुरस्कार एनएसए के कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन, मानवाधिकार कार्यकर्ता बियांका जैगर और भारत की विख्यात पर्यावरणवादी वंदना शिवा को मिल चुका है.

एनआर/एके (एपी)