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कोच के पास जीत की चाबी

२८ अप्रैल २०१४

चाहे नजरें रोनाल्डो और बेल पर लगी हों, लेकिन इस बार रियाल मैड्रिड के लिए चैंपियंस लीग के महा मुकाबले में जीत हासिल करना तभी संभव होगा, जब कोच अनसेलोटी की गोटी सही फिट होगी. सेमीफाइनल का दूसरा मुकाबला मंगलवार को.

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तस्वीर: Franck Fife/AFP/Getty Images

बायर्न म्यूनिख के खिलाफ सेमीफाइनल के पहले मैच में एक गोल की जीत हासिल करने के साथ ही रियाल मैड्रिड का मनोबल बुलंदियों पर है. लेकिन अगली टक्कर बायर्न से उसी के घर में है और म्यूनिख के स्टेडियम में कोई भी फुटबॉल मैच आसान नहीं होता.

नजरें रियाल के स्ट्राइकर और इस साल फीफा के बेहतरीन फुटबॉलर के सम्मान से नवाजे जा चुके क्रिस्टियानो रोनाल्डो और उनके नए साथी गैरेथ बेल पर हैं. रोनाल्डो स्पेनी लीग ला लीगा और चैंपियंस लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं और एक गोल करके मेसी को पीछे छोड़ना चाहते हैं. गोलकीपर और कप्तान इकर कासियास ने भी अब तक की कामयाबी में अहम भूमिका निभाई है लेकिन एक शख्स की मेहनत जरा पीछे छूट जा रही है. वह है कोच कार्लो अनसेलोटी.

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दो कोचों का भी है मुकाबलातस्वीर: picture-alliance/dpa

यह शख्स चैंपियंस लीग की रग रग को पहचानता है और रियाल के सेमीफाइनल के इंद्रजाल को तोड़ना चाहता है. इससे पहले तीन बार आखिरी चार में पहुंच कर रियाल को बाहर जाना पड़ा है. अनसेलोटी पिछले साल चुपचाप रियाल में शामिल हुए. उन्होंने जोसे मोरिन्यो की जगह ली, जो हाई प्रोफाइल कोच हैं और फिलहाल चेल्सी के साथ जुड़े हैं. अपने शांत स्वभाव की वजह से वह "कार्लोः शांतिदूत" के नाम से जाने गए. लेकिन वह चुपचाप अपना काम करते रहे. वह ड्रेसिंग रूम में एकता लाने का प्रयास करने लगे, जो मोरिन्यो की रणनीति से अलग है.

अनसेलोटी के पास मिलान के साथ काम करने का तजुर्बा है, जो 2003 और 2007 में यूरोपीय लीग चैंपियन बना था. वह कासियास के अलावा अपने चारों स्ट्राइकर रोनाल्डो, बेल, करीम बेंजिमा और एंजेल डीमारिया का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं और अब उनके सामने सबसे बड़ी परीक्षा है. अनसेलोटी का कहना है, "इस क्लब के लिए चैंपियंस लीग बेहद अहम प्रतियोगिता है, खास कर इसलिए कि यह रियाल का 10वां खिताब होगा."

अगर मंगलवार को वह बायर्न म्यूनिख के खिलाफ परीक्षा में पास कर जाते हैं, तो चैंपियंस लीग की राह आसान हो जाएगी. दूसरे सेमीफाइनल में चेल्सी और अटलेटिको के बीच मुकाबला चल रहा है और दोनों ही टीमें बायर्न के मुकाबले आसान होंगी. लेकिन एक गोल के बोझ तले दबे बायर्न ने पहले कई बार ऐसी स्थिति का सामना किया है और आखिर में जीत भी हासिल की है.

वह 4-3-3 की रणनीति से खेलते हैं यानि चार स्ट्राइकर. यह आक्रामक पद्धति है और इसमें गोल करने की जितनी संभावना होती है, उतना ही अंदेशा प्रति आक्रमण का भी होता है. लेकिन अनसेलोटी इसे सही ठहराते हैं, "हमारे पास ऐसे डिफेंडर हैं, जो आगे भी खेल सकते हैं और हमले में मदद करते हैं. यह पूरी टीम का खेल है."

एजेए/एमजे (डीपीए)