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कोरिया के रास्ते पर अमेरिकी विमानवाहक

२४ नवम्बर २०१०

गोले कभी कभी फटते हैं, और उससे पहले या बाद में सैनिक पैंतरे देखे जाते हैं. कोरियाई प्रायद्वीप में भी ऐसा हो रहा है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया का सैनिक अभ्यास हो रहा है, एक अमेरिकी विमानवाहक जहाज कोरिया के रास्ते पर है.

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तस्वीर: AP

दक्षिण कोरियाई द्वीप पर उत्तर कोरिया के तोपखानों के हमले के बाद सियोल में अमेरिकी अधिकारियों ने सूचित किया है कि परमाणु शक्ति चालित विमानवाहक जहाज जॉर्ज वाशिंगटन टोकियो के निकट नौसैनिक अड्डे से चल पड़ा है. इस जहाज पर 75 युद्धक विमान और 6 हजार से अधिक नौसैनिक हैं. वे दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैनिक अभ्यास में शामिल होंगे. ये अभ्यास रविवार को शुरू हुए हैं और अगले हफ्ते बुधवार तक चलने वाले हैं.

दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिक कमांड के एक वक्तव्य में कहा गया है कि इन अभ्यासों का चरित्र रक्षात्मक है. वक्तव्य में इस बात की ओर ध्यान दिलाया गया है कि उत्तर कोरियाई हमले से काफी पहले ही इन्हें तय किया गया था, लेकिन इनसे दोनों देशों के बीच एकजुटता की ताकत व सैनिक ताकत के प्रदर्शन के जरिए क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अमेरिका की प्रतिबद्धता का परिचय मिलता है.

मंगलवार को हुए हमले को सन 1953 में कोरिया युद्ध के खात्मे के बाद सबसे गंभीर सैनिक मुठभेड़ माना जा रहा है. इसके चलते उत्तर कोरिया के साथी के रूप में चीन पर राजनयिक दबाव काफी बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि वे चीन से अपील करेंगे कि वह प्योंगयांग को बताए कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना होगा. उन्होंने उत्तर कोरिया से मांग की कि वह उकसावे की कार्रवाई बंद करे, लेकिन उन्होंने जवाबी अमेरिकी कदमों पर अटकलों को ठुकरा दिया.

उत्तर कोरिया की सेना में दस लाख से अधिक सैनिक हैं. दक्षिण कोरिया की सेना की ताकत इसकी आधी है, लेकिन वह तकनीकी रूप से कहीं अधिक आधुनिक है. दक्षिण कोरियाई सैनिक कमांड के एक वक्तव्य में कहा गया है कि अगर फिर से हमला होता है तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए कुमार

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