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कौन करेगा कॉमनवेल्थ का आगाज

२८ सितम्बर २०१०

दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स का अद्घाटन कौन करेगा अब इस पर विवाद शुरू हो गया है. ब्रिटेन की तरफ से इसके लिए प्रिंस चार्ल्स का नाम दिया गया लेकिन भारत चाहता है कि ये काम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों हो.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

भारत की दलील है कि अगर परंपरा के मुताबिक ब्रिटेन की महारानी खेलों का उद्घाटन करतीं तो अच्छा होता. अब जब महारानी नहीं आ रही हैं तो ये काम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों होना चाहिए क्योंकि वो प्रिंस चार्ल्स से प्रोटोकॉल के हिसाब से बड़ी हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत ने अपना पक्ष रखते हुए मलेशिया का उदाहरण दिया है.

Die indische Präsidentin Pratibha Patil
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिलतस्वीर: picture alliance / dpa

1998 के मलेशिया कॉमनवेल्थ खेलों में भी महारानी नहीं गईं और उनकी जगह शाही परिवार के एक सदस्य को भेजा गया. ऐसे में खेलों का उद्घाटन मलेशिया के राजा के हाथों हुआ. भारत भी चाहता है कि प्रोटोकॉल के कारण राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को ये सम्मान मिलना चाहिए. ऐसी संभावना है कि प्रिंस चार्ल्स बेटन संदेश पढ़ेंगे जिसके बाद राष्ट्रपति का भाषण होगा. इसी भाषण में वो खेलों की शुरुआत का एलान करेंगी. इस तरह दोनों मिल कर खेलों का उद्घाटन करेंगे.

प्रिंस चार्ल्स के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि खेलों को उद्घाटन उन्हीं के हाथों होगा. बयान में कहा गया है, " कोई विवाद नहीं है. प्रिंस चार्ल्स और भारत के राष्ट्रपति दोनों की उद्घाटन समारोह में प्रमुख भूमिका होगा. महारानी ने राजकुमार से उद्घाटन समारोह में उनकी नुमाइंदगी करने को कहा है." बयान में ये भी कहा गया है कि "उद्घाटन समारोह के एक एक पल का कार्यक्रम तो यहां से नहीं बन सकता लेकिन प्रिंस महारानी की तरफ से बेटन संदेश पढ़ेंगे और फिर खेलों की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी."

इससे पहले ब्रिटेन के कुछ अखबारों में भारतीय सूचना विभाग के हवाले से खबर छापी गई कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ही खेलों का शुभारंभ करेंगी. पारंपरिक रूप से 1958 के कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम्स से ही हर बार महारानी का बेटन रिले खेलों की शुरूआत करता है. इसमें महारानी बेटन को रवाना करती हैं. ये सभी कॉमनवेल्थ देशों से होता हुआ वापस उन तक पहुंचता है जिसमें ये संदेश होता है कि एथलीट खेल के लिए तैयार हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए जमाल

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