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क्या अब आईएस के निशाने पर है बंगाल

प्रभाकर, कोलकाता४ जुलाई २०१६

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए हमले के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों ने कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में ऐसे संभावित हमलों के प्रति राज्य सरकार को सतर्क किया है.

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Kalkutta Universität
तस्वीर: DW/Prabhakar Mani Tewari

ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में बांग्लादेश से लगी सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है और सीमावर्ती गांवों में संदिग्ध तत्वों की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है. राजधानी कोलकाता के तमाम महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. पहले ही बर्दवान जिले में हुए विस्फोट के मामले में आईएस और जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश की बंगाल में सक्रियता का खुलासा हो चुका है.

हमले का खतरा

भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवादी संगठन अल-कायदा के प्रमुख असीम उमर ने भारतीय मुसलमानों से यूरोप की तरह यहां भी साहस का परिचय देते हुए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की हत्या करने को कहा है. उमर ने अपने एक बयान में मुसलमान युवकों को इसके लिए उकसाया है. यह संगठन बीते दो वर्षों से अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए भारतीय युवकों को संगठन में भर्ती करने का प्रयास कर रहा है. लेकिन अब तक उसे खास कामयाबी नहीं मिल सकी है.

अब असीम उमर के ताजा बयान के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. अल-कायदा के अलावा इस्लामिक स्टेट भी कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न हिस्सों में बड़े हमलों का प्रयास कर रहा है. इसके लिए वह बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश यानी जेएमबी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है.

Bangladesch IS-Anschlag in Dhaka
ढाका में शुक्रवार को हुआ आतंकी हमलातस्वीर: picture-alliance/AP Photo

हाई अलर्ट

ढाका में हुए हमलों के बाद अब बांग्लादेश से जिन पांच राज्यों की सीमा लगी है वहां हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन पांच में से दो राज्यों असम और पश्चिम बंगाल में खतरा ज्यादा है. यहां अवैध घुसपैठ के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इन दोनों राज्यों में सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है. साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान स्थानीय पुलिस के साथ मिल कर सीमावर्ती गांवों में तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि वहां छिपे किसी संदिग्ध व्यक्ति का पता लगाया जा सके.

इलाके में तैनात सुरक्षा बलों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित करने का निर्देश दिया गया है. भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लंबाई के हिसाब से दुनिया की पांचवीं सबसे लंबी जमीन से लगी सीमा है. इनमें से पहले नंबर पर पश्चिम बंगाल है. इस राज्य की 2,217 किमी लंबी सीमा बांग्लादेश से लगी है. यही वजह है कि यहां खतरा भी सबसे ज्यादा है. त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (180 किमी) का स्थान इसके बाद है.

मोदी-ममता बैठक

बांग्लादेश में हुए हमले के बाद पश्चिम बंगाल में ऐसे हमलों का अंदेशा बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस महीने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी. इन दोनों की बैठक में इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे और किसी संभावित हमले से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं की बैठक में आतंक, राज्य में सुरक्षा और सीमा पर गश्त जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

बांग्लादेश से बंगाल में लगातार होने वाली घुसपैठ पर केंद्र सरकार लंबे समय से चिंता जताती रही है. इन घुसपैठियों के वेश में आतंकी भी सीमा पार कर आसानी से यहां आते रहे हैं. दो अक्तूबर, 2014 को बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ में हुए विस्फोट की केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से जांच के बाद जेएमबी के मजबूत नेटवर्क का खुलासा पहले ही हो चुका है. प्रदेश भाजपा तो शुरू से ही आरोप लगाती रही है कि सीमा पर कुकुरमुत्ते की तरह उगने वाले मदरसे आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की राय में घुसपैठ के प्रति बंगाल सरकार का रुख काफी नरम रहा है.