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क्या चश्मदीद गवाह बन सकता है तोता

ओंकार सिंह जनौटी२८ जून २०१६

एक पालतू तोता गोली मत मारना जैसे शब्द दोहरा रहा है. तो क्या उसे चश्मदीद गवाह बनाकर कोर्ट में पेश किया जा सकता है. अमेरिका में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

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तस्वीर: Cape Parrot Project

मामला मार्टिन डुरैम और उनकी पत्नी ग्लेना डुरैम के बीच हुए झगड़े का है. इस दौरान पालतू तोता भी वहां मौजूद था. मार्टिन को पांच गोलियां मारी गईं. एक गोली ग्लेना के सिर पर भी लगी लेकिन वह बच गई. ग्लेना पर आरोप है कि उसने झगड़े के बाद मार्टिन की गोली मारकर हत्या की.

मामला अमेरिका के वेस्टर्न मिशिगन का है. हत्याकांड के बाद मार्टिन की पूर्व पत्नी क्रिस्टीना केलर भी मौके पर पहुंची. पुलिस ने पालतू तोते को उनके हवाले कर दिया. लेकिन हैरानी तब हुई जब तोता बार बार "गोली मत मारना, गोली मत मारना" कहने लगा. तोता ऐसी बातें भी बोल रहा है जो साफ तौर पर हिंसा की ओर इशारा कर रही है. मार्टिन के माता पिता और क्रिस्टीना का मानना है कि तोता मृतक द्वारा कहे गए आखिरी शब्द दोहरा रहा है.

वहीं ग्लेना आरोपों से इनकार कर रही है. पुलिस को दिये बयान में उसने कहा कि उसे गोलीकांड के बारे कुछ भी याद नहीं है क्योंकि उसे खुद गोली लगी और होश अस्पताल में इलाज के बाद ही आया. वारदात से पहले ग्लेना ने तीन सुसाइड नोट भी छोड़े थे, लेकिन अब वह इससे भी इनकार कर रही है. उसका कहना है, "मुझे एक ही बात पता है कि मैंने अपने पति को नहीं मारा." बचाव पक्ष यह भी दलील दे रहा है कि तोता टीवी पर सुनी हुई बातें भी दोहरा सकता है.

वहीं अभियोजन पक्ष तोते की गवाही पर चर्चा कर रहा है. लेकिन इसमें कानूनी अड़चन भी है. अभियोजन पक्ष के वकील रॉबर्ट स्प्रिंगस्टेड के मुताबिक, "यह बड़ा ही अजीब और नया मामला है. हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या कानून का पालन करने वाली अदालत में इसे एक भरोसेमंद सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है?" अभियोजन पक्ष यह मान रहा है कि अफ्रीकी तोते को गवाही के लिए कठघरे में लाना भी चुनौती भरा होगा. अदालत उसकी गवाही स्वीकार करेगी या नहीं, यह भी बड़ा सवाल है. इस मामले पर दुनिया भर के कानूनी विशेषज्ञों की नजर है. अक्सर कोर्ट में आए ऐसे अजीबो गरीब मामले दूसरे देशों की अदालती कार्रवाई को भी प्रभावित करते हैं.