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आतंकवाद

"क्या भारत ने हॉस्पिटल बनाने से भी मना किया है"

१७ फ़रवरी २०१७

दरगाह पर धमाके के बाद पाकिस्तान में देशव्यापी धरपकड अभियान छिड़ा. हमले के बाद पाकिस्तान के कुछ नागरिक देश से अपने भीतर झांकने को भी कह रहे हैं.

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PAKISTAN Sehwan  Anschlag auf Sufi-Schrein
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Tabassum

सेहवान में लाल शाहबाज कलंदर दरगाह पर हुए भयानक आत्मघाती हमले के बाद शुक्रवार तड़के पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने देश भर में छापे मारने शुरू कर दिये. पैरामिलिट्री रेंजर्स ने एक बयान जारी कर कहा कि गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात हुए ऑपरेशन में सिंध प्रांत में कम से कम 18 आतंकवादी मारे गए. पूर्वोत्तर शहर पेशावर में सात लोग मारे गए.

एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "संघीय और प्रांतीय कानूनी एजेंसियां और पुलिस ने भोर होने से पहले ही देश भर में कार्रवाई शुरू कर दी और अलग अलग शहरों में बड़ी संख्या में संदिग्ध गिरफ्तार किये गये हैं."

शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना ने अफगान दूतावास से अधिकारियों को तलब कर 76 "मोस्ट वॉन्टेड" आतंकवादियों को सौंपने की मांग की. पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान से अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है.

 

सिंध प्रांत के सेहवान कस्बे में गुरुवार शाम लाल शाहबाज कलंदर की सूफी दरगाह पर आत्मघाती हमला हुआ. हमलावर ने 13वीं शताब्दी में बनाई गई दरगाह के भीतर पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उड़ा दिया. हमले में कम से कम 70 लोग मारे गए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी हैं. इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है. ऐसी दरगाहों को इस्लामिक स्टेट इस्लाम के खिलाफ मानता है. 

इस आत्मघाती हमले के बावजूद दरगाह के प्रमुख ने शुक्रवार सुबह साढ़े तीन बजे घंटी बजाई. दरगाह प्रमुख ने कहा कि वह "आतंकवादियों के सामने नहीं झुकेंगे."

सिंध की सरकार ने राज्य में तीन दिन के शोक का एलान किया है. पाकिस्तान में मीडिया और सोशल मीडिया पर इस हमले और सरकार की काहिली की जमकर खिंचाई हो रही है. दरगाह सबसे करीबी हॉस्पिटल से 130 किलोमीटर दूर है. कई घायलों को सेना के हेलिकॉप्टरों और विमानों द्वारा इलाज के लिए कराची पहुंचाया गया है.

PAKISTAN Sehwan  Anschlag auf Sufi-Schrein
धमाके के वक्त दरगाह में कई बच्चे भी थेतस्वीर: Getty Images/AFP/A. Hassan

सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जाहरा सैफुल्लाह नाम की एक यूजर ने लिखा, "सुन्नी, शिया, हिंदू और हर किस्म की आस्था वाले लोग अक्सर महान संत को श्रद्धाजंलि देने के लिए सेहवान जाते है. यह हमारी पहचान और संस्कृति पर हमला है."

पाकिस्तान में अक्सर ऐसे किसी हमले के बाद सेना और कट्टरपंथियों का एक धड़ा भारत और अफगानिस्तान पर अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाता है. सोशल मीडिया में कई लोगों ने दूसरे देशों पर दोष मढ़ने के बजाए अपने अंदर झांकने की सलाह दी है. मेडिकल सुविधाओं की कमी पर नाराजगी जताते हुए निजमा बलूच ने लिखा, "ऐसी परिस्थितियों के बीच क्या भारत और अफगानिस्तान ने हमें हॉस्पिटल बनाने से भी मना किया है."

(क्या है इस्लामिक स्टेट)

ओएसजे/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)