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क्या रोड पर अपने आप चलेंगी कारें

७ जनवरी २०१५

अमेरिका में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो दरअसल उपभोक्ताओं के इस्तेमाल वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का मेला है. लेकिन इस साल दुनिया के इस महत्वपूर्ण ट्रेड शो में कार निर्माताओं ने सेल्फ ड्राइविंग कारों से तहलका मचा रखा है.

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मर्सिडिज का एफ015 प्रोटोटाइपतस्वीर: Getty Images/David Becker

तकनीक प्रगति की राह पर है लेकिन लास वेगास शो में चक्के के पीछे कार निर्माता हैं. यह मेला कार कंपनियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. ऑटोमोबाइल उद्योग ने इस मेले में अपने आप चलने वाली गाड़ियों का प्रदर्शन किया है. उन्होंने मेले में सबका ध्यान खींचा है और बाकी सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पीछे छूट गए लगते हैं.

शुरुआत जर्मन कार कंपनी ऑडी की बिना ड्राइवर के चलने वाली कार ए7 मॉडल जैक से हुई. उसने सिलिकन वैली से लास वेगास तक 900 किलोमीटर की दूरी दो दिनों में तय की और मेले में सोमवार दोपहर पहुंचा. मंगलवार को ऑडी के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख रिकी हूडी ने नई प्रोलॉग कंसेप्ट कार पेश की, जिसमें एनवीडिया चिप के कारण जैक के मुकाबले वातावरण से सीखने की क्षमता है. ऑटो उद्योग उपभोक्ताओं को संदेश दे रहा है.

Selbstfahrender Audi A7
ऑडी ए 7: ड्राइवर को कुछ करने की जरूरत नहींतस्वीर: picture-alliance/Jim Fets/Audi AG/dpa

जर्मन कंपनी डाइम्लर के प्रमुख डीटर सेचे ने सोमवार को मर्सिडीज का एफ015 प्रोटोटाइप पेश किया जो कार चालकों को और आजादी देने के सिद्धांत पर आधारित है. इसका पैसेंजर केबिन इस तरह बनाया गया है कि कार बिना ड्राइवर के चलेगी और कार में बैठे लोग अपनी सीट घुमाकर आराम से आपस में बातचीत कर पाएंगे. कार खुद पैदल चलने वालों पर नजर रखेगी और एक लाइट पैनल के माध्यम से उन्हें बता भी पाएगी कि कार कौन चला रहा है.

डिजाइन के हिसाब से डाइम्लर की लक्जरी कार गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कार का एकदम उल्टा है. गूगल की टू-सीटर कार अब तक सबसे जानी मानी कार है, लेकिन वह सिर्फ ट्रांसपोर्ट के लिए बनी है और वैसी ही दिखती भी है. सेचे का कहना है कि ज्यादा जगह वाली मर्सिडीज कार का मकसद है, "21वीं सदी के सबसे लक्जरी सामान तक पहुंच, प्राइवेट स्पेस और क्वॉलिटी टाइम."

सेल्फ ड्राइविंग कारों को लेकर शुरू हुआ ये हंगामा इलेक्ट्रॉनिक दौर में पीछे छूटते जा रहे कार उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. युवा लोग कार रखने को उतना अहम नहीं मान रहे लेकिन बिना ड्राइवर के चलने वाली कारें उन्हें आकर्षित कर सकती हैं. इससे कार उद्योग को नया बाजार मिलने की उम्मीद है. रिसर्च कंपनी गार्टनर के एक सर्वे के अनुसार जर्मनी में 41 फीसदी कार मालिक चाहते हैं कि उनकी अगली कार खुद ड्राइव करने वाली हो.

एमजे/आरआर (डीपीए)