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खाप के फैसले पर एमनेस्टी का विरोध

३१ अगस्त २०१५

भारत में दो महिलाओं की सुरक्षा के लिए मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के अभियान को दुनिया भर में समर्थन मिला है. यह मामला ब्रिटेन के संसदों ने भी उठाया और भारत सरकार से दोनों बहनों को सुरक्षा देने की मांग की गई है.

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Symbolbild Gewalt gegen Frauen in Indien
तस्वीर: Roberto Schmidt/AFP/Getty Images

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक सवा लाख लोगों ने ऑनलाइन याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश की दो बहनों के बलात्कार के लिए दिए गए खाप पंचायत के कथित आदेश का विरोध किया है. लड़कियों के भाई के एक शादीशुदा महिला के साथ फरार हो जाने पर खाप पंचायत ने यह सजा सुनाई थी.

पंचायत ने कथित तौर पर आदेश दिया कि लड़कियों के मुंह काले कर, उनके कपड़े उतार उन्हें सरेआम घुमाया जाए. एम्नेस्टी की याचिका में कहा गया है, "एक अनिर्वाचित और पूर्णत: पुरुषों की समिति (खाप पंचायत) ने आदेश दिया है कि उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जाए, उनका बलात्कार किया जाए और उनके मुंह पर कालिख पोती जाए. यह उसकी सजा है जो उनके भाई ने किया है."

बागपत जिले की इन बहनों की उम्र 23 और 15 साल है. गांव से भाग खड़ी हुई बहनों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी और अपने परिवार के संरक्षण की अपील की है. लड़कियों के वकील विवेक सिंह के मुताबिक गांव का यह दलित परिवार उस समय परेशानी में आ गया जब इन लड़कियों का भाई गांव की ही एक शादीशुदा जाट महिला के साथ भाग गया.

लड़की के घर वालों ने दलित लड़के पर लड़की को बरगलाने का इल्जाम लगाया है. दलित लड़के के साथ दिल्ली में पकड़ी गई जाट लड़की ने इसे धोखाधड़ी का मामला बताया. बागपत जिले के एसपी से जाट लड़की ने शिकायत की है कि दलित लड़का उसे बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया था, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया. लड़कियों के वकील सिंह ने कहा, "उन्हें जाटों ने बलात्कार की धमकी दी. वे उनके भाई के किए का बदला बहनों से लेना चाहते हैं." सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधिकारियों से 15 सितंबर तक याचिका पर जवाब मांगा है.

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी ने मामले की जांच की मांग की है. एमनेस्टी का कहना है कि दलितों के साथ सालों से भेदभाव होता रहा है, लेकिन बागपत के पुलिस प्रमुख शरद सचान का कहना है कि उनकी जांच में बहनों के बलात्कार की धमकी जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. सचान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हमने आरोपों की जांच की है और पाया कि खाप की इस बारे में कोई बैठक नहीं हुई और महिलाओं को धमकी नहीं दी गई है."

ब्रिटेन की संसद में मामले को उठाते हुए कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद नादिम जहावी ने मामले को उठाते हुए कहा, "मैं विरोध कर रहा हूं. दुनिया का कोई धर्म, संस्कृति या मानवता वाला कोई इंसान इस तरह के आचरण का समर्थन नहीं कर सकता.” शैडो विदेश मंत्री हिलेरी बेन ने कहा, “मैं ब्रिटेन के विदेश और कॉमनवेल्थ मामलों के मंत्री फिलिप हैमंड से अनुरोध करती हूं कि वह तुरंत भारतीय अधिकारियों से इस मामले पर बात कर दोनों बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.”

भारत के गांवों में खासकर उत्तरी भारत में खाप पंचायत जैसी गांव के बुजुर्गों की समितियों का खासा महत्व है. पहले भी कई मामलों में खाप पंचायत द्वारा लिए गए फैसलों में ऑनर किलिंग यानि परिवार के सम्मान के लिए की गई हत्याओं के मामले सामने आए हैं.

एसएफ (एएफपी)