1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

खुफिया एजेंसी यहां खुलेआम कर रही है जासूसों की भर्ती

२३ मार्च २०१७

इस साल जर्मनी में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं और प्रशासन को साइबर हमलों और फेक न्यूज जैसी गलत जानकारियों की चिंता सता रही है. इन समस्याओं से निपटने के लिए खुफिया एजेंसियां हाई-प्रोफाइल जासूस नियुक्त कर रही हैं. 

https://p.dw.com/p/2ZpPq
Deutschland 60 Jahre BND
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Hanschke

 

साइबर खतरों और फेक न्यूज जैसे मसलों को ध्यान में रखते हुए अब जर्मनी की विदेशी खुफिया एजेंसी बीएनडी ने युवा जासूसों (हैकर्स) की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है. बीएनडी का मिशन सभी प्रमुख क्षेत्रों से खुफिया जानकारियां प्राप्त करना है ताकि जर्मनी के हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा की जा सके. इसके मिशन में संभावित-नुकसानदेह जासूसी गतिविधियों की पहचान कर उनका आकलन करना है ताकि किसी भी घटना के असर को कम किया जा सके. पश्चिमी देश अपनी रक्षा नीतियों को लेकर आधुनिकीकरण की नीति अपना रहे हैं, ऐसे में बीएनडी भी डिजिटल और कंप्यूटर फोरेंसिक विशेषज्ञों से अपनी वेबसाइट के प्रयोग के लिए कह रही है और कैचलाइन दी गई है "शरलक होम्स इन साइबर स्पेस: बीएनडी सीक्स डिजिटल फोरेंसिक एनालिस्ट".

साइबर इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ और कंप्यूटर वैज्ञानिकों जैसे पदों के लिये आवेदन देने वालों से रिवर्स इंजीनियरिंग से लेकर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर काम करने में दक्षता की उम्मीद की जा रही है. इन सब के बाद भी भर्ती प्रक्रिया काफी लंबी है.

फोरेंसिक चुनौतियां

एक अन्य खुफिया एजेंसी ने भी बीएनडी से सहयोग की गुजारिश की है. हाल में हैकर्स ने सरकारी बीमा कंपनी के सर्वर में सेंधमारी की थी. हैकर्स ने रूट पासवर्ड बदल कर सारे अधिकार हासिल कर लिए थे. उन्होंने एक संरक्षित डायरेक्टरी में डाटा भी स्टोर किया था. इस बीच जब एडमिन ने नया पासवर्ड बनाने की कोशिश की तो वह विफल रहा. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल पैदा हुआ कि कैसे हैकर्स सिस्टम से छेड़छाड़ किये बिना मूल नेटवर्क तक पहुंच गये. ऐसे मसले फोरेंसिंक चुनौतियों का बड़ा हिस्सा हैं जिनसे निपटने की तलाश बीएनडी अपने उम्मीदवारों में करेगा. बीएनडी उम्मीद करेगा कि आवेदनकर्ता इन स्थितियों का आकलन कर उसका जवाब दे सकें. आवेदन प्रक्रिया में उम्मीदवारों से इस पर तकनीकी रिस्पांस मांगा गया है. साथ ही उन्हें ये भी बताना होगा कि किस प्रकार के सर्वर में डाटा स्टोर किया गया था और किन कमजोरियों का फायदा हैकर्स उठा सकते हैं. प्रोफेसर डोमनिक हैरमन ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा कि जो भी योग्यता मांगी गई है वह बहुत ही बेसिक है और हर यूनिवर्सिटी कोर्स में ये सब पढ़ाया जाता है.

फोरेंसिक क्षमताएं

बीएनडी न केवल अपने भावी कर्मचारियों की डिजिटल फोरेंसिक क्षमताओं का आकलन कर रहा है बल्कि उनका परीक्षण व्यावहारिक स्थितियों में भी कर रहा है. हैरमन के मुताबिक अधिकतर सुरक्षा और फोरेंसिक एक्सपर्ट लीनक्स सिस्टम से परिचित हैं और उन्हें इन समस्याओं का हल ढूंढने में चुनौती नहीं महसूस होगी. ये चुनौतियां किसी विशेष योग्यता की ओर संकेत नहीं करतीं. उन्होंने कहा कि बीएनडी "ऑफ द शेल्फ" सॉफ्टवेयर सिक्युरिटी इंजीनियर की तलाश में है और ऐसे ही प्रोफाइल पर सुरक्षा सेवाओं में लगी एजेंसियां भी उम्मीदवारों का चयन करती हैं. 

इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने दो रूसी खुफिया अधिकारी और दो आपराधिक हैकरों पर 50 करोड़ याहू खातों से जानकारी चुराने के आरोप तय किये थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान के बाद से ही साइबर सिक्युरिटी और डिफेंस से जुड़े मसले चर्चा में बने हुए हैं. रूस पर चुनावों के दौरान ट्रंप को मदद करने के आरोप लगते रहे हैं. जर्मन अधिकारियों ने भी सितंबर में होने वाले बुंडेस्टाग संसदीय चुनावों को लेकर इस तरह की आशंका जताई थी.

जोखिम पर सीमित क्षमता

नये निर्देशों के बीच शुरू हुआ बीएनडी का यह भर्ती अभियान अब भी सरकार और अन्य संस्थाओं के लिये एक रहस्य बना हुआ है. हैरमन ने कहा कि डिजिटल फोरेंसिक क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाना बेशक ही उल्लेखनीय कदम है लेकिन इन सब के बावजूद भी खुफिया तंत्र के सामने अनेक चुनौतियां हैं. उन्होंने संदेह जताया कि बीएनडी के पास इस भर्ती के लिए ज्यादा आवेदन नहीं आयेंगे, इसलिये वे संभावित उम्मीदवारों को खारिज नहीं कर सकेंगे. वहीं अगर बीएनडी महज इंजीनियरों को इस पद के लिये नियुक्त करेगी तो यहां उनकी क्षमताओं के सीमित होने का जोखिम बना रह सकता है.

लुइस सैंडर्स/एए