खुराफातियों को रोके कांग्रेसः करुणानिधि
२८ नवम्बर २०१०वेल्लोर में एक रैली के दौरान करुणानिधि ने कहा, "कांग्रेस के कुछ खुराफाती नेताओं को यह बात पसंद नहीं आ रही है कि राज्य में डीएमके गठबंधन का नेतृत्व करे. ऐसे लोग गठबंधन में बाधा डाल रहे हैं. इसलिए कांग्रेस नेतृत्व की जिम्मेदारी है कि इन लोगों की कोशिशों को सफल न होने दे." करुणानिधि ने साफ किया है कि दोनों पार्टियों के बीच अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी गठबंधन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सहयोग से डीएमके ही राज्य में धार्मिक कट्टरपंथी बलों के प्रवेश को रोक सकती है.
करुणानिधि ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में डीएमके सरकार के काम काज को सराहती है. 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले के मामले पर विपक्ष के संसद न चलने देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि डीएमके ने अपने सदस्य और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा से इस्तीफा देने को कहा ताकि संसद ठीक से चल सके.
करुणानिधि ने कहा कि जब नेहरू के प्रधानमंत्री काल में वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे से पहले संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करने वाले विपक्ष ने मंत्रिमंडल से उनकी विदाई के बाद अपनी मांग वापस ले ली. करुणानिधि ने कहा, "लेकिन अब संसद मछली बाजार में तब्दील हो गई है जिसकी कार्यवाही 10 दिन से ठप है जबकि संसद तो सब मुद्दों पर बात करने की जगह है. क्या यह सही है कि एक ब्राह्मण (कृष्णमाचारी) के खिलाफ एक रुख अपनाया जाए और एक दलित (ए राजा) के खिलाफ दूसरा रुख." करुणानिधि ने कहा कि स्पैक्ट्रम घोटाले पर उनकी पार्टी ने कोई फैसला नहीं लिया है. उसे इस बारे में सीबीआई की जांच का इंतजार है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए कुमार