1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

खुल रहा है यूरोप का आसमान

२० अप्रैल २०१०

ज्वालामुखी के गुबार से छाए हड़कंप के बादल अब छंटने लगे हैं. जर्मनी में सोमवार शाम से विमानों का संचालन शुरू हुआ. लुफ्थांजा के लंबी दूरी के कई विमान मंगलवार को भारत समेत अन्य देशों के लिए उड़ान भरेंगें.

https://p.dw.com/p/N0fZ
तस्वीर: AP

जर्मनी ने अपने हवाई क्षेत्र को मंगलवार को दोपहर दो बजे तक बंद रखा गया है. लेकिन जर्मन एयर सेफ्टी एजेंसी ने विशेष अनुमति के साथ कुछ विमानों को उड़ानों की अनुमति दे दी है. विशेष अनुमति के बाद जर्मन एयरलाइन कंपनी लुफ्थांजा ने एक बयान जारी कर कहा, ''लुफ्थांजा तुरंत प्रभाव से अपनी लंबी दूरी की फ्लाइट्स बहाल करता है.'' फ्रैंकफर्ट से दिल्ली और मुंबई आने वाले फ्लाइट भी मंगलवार को निकलेगी.

कंपनी का कहना है कि कुछ मामलों को छोड़ कर लंबी दूरी की सभी सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. लुफ्थांजा की बेवसाइट पर कहा गया है, ''लंबी दूरी की सभी फ्लाइट्स अपने निर्धारित समय पर जाएंगी.'' लुफ्थांजा को एथिया, अमेरिका और अफ़्रीका के 15,000 यात्रियों को ले जाने की अनुमति मिली है. विशेष आज्ञा के तहत इन यात्रियों को 50 विमानों के ज़रिए ले जाया जाएगा.

Island Vulkan Natur Landschaft
आइसलैंड का ज्वालामुखीतस्वीर: picture-alliance/dpa

एयर सेफ्टी एजेंसी ने एयरलाइन कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह उडा़न के दौरान विशेष एहतियात बरतें. पायलटों से कहा गया है कि वह विमान को ऑटो पायलट पर न उड़ाएं. ऑटो पायलट के तहत एक निश्चित ऊंचाई पर पहुंच कर विमान स्वचालित ढंग से उड़ने लगता है. इस दौरान विमान का नियंत्रण पायलट के हाथ में नहीं होता है. लेकिन एयर सेफ्टी एजेंसी ने सुरक्षा के मद्देनज़र पायलटों से कहा है मंगलवार और अगले आदेश तक वह हर समय विमान का नियंत्रण अपने हाथ में रखें.

आईसलैंड के ज्वालामुखी से उठे गुबार के पांच दिन बाद अब हवाई यातायात के लिए हालात सामान्य होते दिखाई पड़ रहे हैं. अनुमान के मुताबिक बीते पांच दिनों में दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य