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'खुशी ही है जीने का मकसद'

२० मार्च २०१५

संयुक्त राष्ट्र ने 20 मार्च का दिन खुशी के नाम पर समर्पित किया है. यूएन ने अपने संदेश में कहा है कि खुश लोगों के लिए एक खुशहाल ग्रह बनाने की जरूरत है.

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Glückliche Menschen Glück Familie Symbolbild
तस्वीर: drubig-photo - Fotolia

दुनिया भर में 20 मार्च का दिन खुशी के अंतरराष्ट्रीय दिन के नाम पर मनाया जा रहा है. जाहिर है हर किसी को अलग अलग चीजों से खुशी मिल सकती है, लेकिन सच है कि खुशी का एहसास तो सर्वव्यापी और एक समान ही होता है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने एक दिन खुशी के नाम पर ही समर्पित किया है. यूएन ने अपने संदेश में कहा है कि खुश लोगों के लिए एक खुशहाल ग्रह बनाने की जरूरत है, "अगर हम एक ऐसी दुनिया में रहना चाहते हैं जहां हर किसी को खुशहाल और सेहतमंद रहने का अवसर मिले, तो उसके लिए साफ हवा, बढ़ते समुद्र तल से समुदायों को सुरक्षित रखने और मौसम में अतिरेक से खाद्य आपूर्ति को बचाना होगा."

दुनिया भर में लोग खुशी को लेकर अपने अपने विचार सोशल मीडिया पर भी शेयर कर रहे हैं.

जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी पर जीवन को खतरा है. इस पर यूएन के अंतरराष्ट्रीय इंटरगवर्मेंटल पैनल (यूएनआईपीसीसी) का कहना है कि वैज्ञानिकों को पता चल चुका है कि जलवायु परिवर्तन एक असली खतरा है और इसका संबंध इंसानों की गतिविधियों से भी है. ऐसे में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर कदम बढ़ाना और हानिकारक उत्सर्जनों को कम करने से ना केवल साफ वातावरण मिलेगा बल्कि आर्थिक विकास भी होगा.

जागरूकता बढ़ाने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर यूएन फाउंडेशन ने संयुक्त राष्ट्र और ग्रैमी अवार्ड विजेता संगीतकार फैरेल विलियम्स के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. "हैपी" गीत के लिए प्रसिद्ध विलियम्स का संदेश है, "इतनी सारी मुश्किलों से भरी इस दुनिया में तमाम सामाजिक विवाद से लेकर सामाजिक बदलाव हो रहे हैं, ऐसे में खुशियां मनाने के कुछ लम्हे होने ही चाहिए."

इसके अलावा ट्विटर हैंडिल #HappySoundsLike के साथ जानी मानी हस्तियों समेत कई लोग ये बता रहे हैं कि उनके लिए खुशी के मायने क्या हैं.

आरआर/एमजे (एपी)