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खून में सना फुटबॉल वर्ल्ड कप

१२ अप्रैल २०१४

ब्राजील की दिक्कतें खत्म नहीं हो रही. फुटबॉल विश्व कप के शुरू होने से पहले आधे अधूरे बने 12 स्टेडियमों को तैयार करनी की चुनौती है. समय कम होने के कारण मजदूरों से 18 घंटे काम कराया जा रहा है.हादसों का खतरा बढ़ गया है.

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Itaquerao Stadion Sao Paulo Brasilien 15.03.2014
तस्वीर: picture-alliance/ZUMA Press

ब्राजील में जून से फुटबॉल विश्व कप शुरू होना है. वक्त कम बचा है लेकिन अब तक 12 स्टेडियम पूरी तरह से तैयार नहीं हुए हैं. ऐसे में निर्माण सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों पर भारी दबाव है. ज्यादा काम और तनाव की वजह से अब तक निर्माण कार्य से जुड़े नौ मजदूरों की मौत हो चुकी है. इनमें से सात की मौत हादसों में हुई, तो दो अन्य मजदूरों को दिल का दौरा पड़ा.

आखिरी घातक हादसा 29 मार्च को हुआ. ब्राजील के दक्षिण में बसे साओ पाउलो में स्टेडियम में निर्माण का काम करते वक्त एक मजदूर की मचान से गिरने से मौत हो गई. मजदूर की मौत के बाद न्यायिक अधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्य को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया. न्यायिक अधिकारियों ने कंपनी से इस बात के सबूत मांगे कि उसने सुरक्षा उल्लंघन को दुरुस्त कर लिया है.

लेकिन सात अप्रैल को श्रम मंत्रालय ने दोबारा काम शुरू करने की इजाजत दे दी क्योंकि स्टेडियम को हर हाल में 12 जून तक तैयार होना है. इस स्टेडियम में फुटबॉल वर्ल्ड कप का उद्धाटन मैच खेला जाना है..

Arena Corinthians in Sao Paolo
साओ पाउलो में स्थित इस स्टेडियम में पिछले दिनों हादसा हुआतस्वीर: picture-alliance/dpa

विश्व कप के पाप

साओ पाउलो में मजदूर यूनियन के नेता एनटोनियो डेसूजा रामाल्हो के मुताबिक, "सरकार कंपनियों के ऊपर दबाव बनाती है, नतीजतन कंपनियां मजदूरों पर दबाव बनाती है और वे मजदूरों की जिंदगी से खेल रही हैं." उन्होंने कहा कि खत्म होती समय सीमा में निर्माणकार्य में देरी करना गैर जिम्मेदाराना था, "इसके बाद थका देने वाले हालात में 18-18 घंटों तक मजदूरों से काम कराया जाता है. विश्व कप के पाप का असर सालों तक देखने को मिलेगा. हम दुर्घटना मंजूर नहीं कर सकते. वह अपराध हैं."

मजदूर संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि साओ पाउलो में क्रेन के पलटने से पहले ही वहां काम कर रहे लोगों ने हादसे की चेतावनी दी थी. क्रेन हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई थी. कोरिंथियंस स्टेडियम में निर्माण क्षेत्र में क्रेन के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए गए थे. क्रेन को बिठाने के लिए सीमेंट का बेस बनाया जाता है जिसे तैयार होने में 60 दिन लगते और पैसे भी खर्च होते.

मजदूर संघ के नेता एनटोनियो डेसूजा रामाल्हो के मुताबिक, "मजदूरों और सेफ्टी इंजीनियरों ने चेतावनी देते हुए उसे असुरक्षित बताया था. हमें पता है कि यह हड़बड़ी में किया गया काम है. उन्होंने काम चलाऊ तरीका अपनाया."

मजदूरों की मौत के कारणों के नतीजे अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. तैयारियों को लेकर ब्राजील की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार किरकिरी हो चुकी है लेकिन फुटबॉल की दुनिया के सबसे बड़े देश का कहना है कि वह वक्त रहते सारी तैयारियां पूरी कर लेगा.

एए/आईबी (आईपीएस)

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