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खेल संस्थाओं के अधिकारियों में नाराज़गी

३ मई २०१०

नेशनल स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन के पदाधिकारियों ने भारत सरकार के उस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है जिसमें उनके कार्यकाल को निर्धारित करने के लिए नए नियमों को लागू करने की बात कही गई है. सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी.

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तस्वीर: UNI

भारतीय जनता पार्टी नेता और तीरंदाज़ी एसोसिएशन के प्रमुख वीके मल्होत्रा ने फ़ैसले को बकवास क़रार दिया है. मलहोत्रा का कहना है कि सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगी. "यह बिलकुल बकवास है. इन दिशानिर्देशों को पहले आपातकाल के दौर में लागू किया गया था. कोर्ट ने तब पूछा था कि किस क़ानून के तहत सरकार यह लागू करने की सोच रही है."

Vijay Kumar Malhotra
तस्वीर: UNI

मल्होत्रा ने कहा कि उन्हें कभी लागू नहीं किया गया और अब 35 साल बाद उन्हें प्रभावी करने की बात सोची जा रही है. वह भी तब जब भारत में इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स होने हैं. आईओए के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी की ओर से अभी इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है.

वीके मल्होत्रा के मुताबिक़ उन्होंने सुरेश कलमाड़ी से बात की है और इस मुद्दे पर जल्द ही आईओए कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी. यह बैठक अगले दो तीन दिन में हो सकती है. तीन दशक से आर्चरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ढोने वाले मल्होत्रा का कहना है कि अगर दिल्ली हाई कोर्ट सरकार के पक्ष में फ़ैसला करती है तो फिर सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार होगा. दिल्ली हाई कोर्ट में इसी मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है.

वीके मल्होत्रा के मुताबिक़ अगर खेल मंत्रालय का नया फ़ैसला लागू होता है तो इंटरनेशनल ओलंपिक काउंसिल (आईओसी) और ओलंपिक काउंसिल ऑफ़ एशिया (ओसीए) भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती हैं. मल्होत्रा का कहना है कि आईओसी और ओसीए सरकार की दख़लअंदाज़ी बर्दाश्त नहीं करती और इसी वजह से भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो सकती है.

नियमों में संशोधन के बाद नेशनल स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन (एनएसएफ़) के अध्यक्ष का कार्यकाल 12 साल तक सीमित हो जाएगा. वह लगातार 12 साल अपने पद पर बने रह सकते हैं या फिर अलग अलग कार्यकाल में 12 साल की अवधि पूरी कर सकते हैं.

सचिव या खजांची के पद पर चार चार साल के दो कार्यकाल निर्धारित किए गए हैं. लेकिन एक बार चुने जाने के बाद उन्हें अगले चार साल के लिए अपने पद से हटना होगा. उसके बाद ही वे नए कार्यकाल के लिए चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे.खेल संस्थाओं के सभी सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल निर्धारित की गई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह