गिल ने कहा टीम इंडिया थकी हुई है..
२ जून २०१०हालांकि गिल ने कहा कि ये क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर है कि वह खिलाड़ियों को एशियाड खेलों में भेजना चाहता है या नहीं. लेकिन उन्होंने कहा कि वे खुद एशियाड में क्रिकेट शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं, "मेरा विचार आसान है. बीसीसीआई क्या करेगी ये उसे खुद ही तय करना है और वे कर रहे हैं."
ये पूछने पर कि बीसीसीआई के क्रिकेट टीमें नहीं भेजने के फैसले के बारे में वे क्या कहते हैं इस पर भारतीय खेल मंत्री का कहना था, "एक मंत्री की हैसियत से नहीं लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं नहीं जानता कि क्रिकेट जैसे खेल को एशियाड में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं." उन्होंने कहा, "रेस में दौड़ने वाले घोड़ों को भी आराम की जरूरत होती है." वैसे बीसीसीआई ने कहा था कि चूंकि भारतीय क्रिकेट टीम को उस वक्त न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज खेलनी है, इसलिए वह एशियाड में नहीं जाएगी.
खेल मंत्री गिल का कहना है कि बीसीसीआई देश में और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों को इतना टाइट रखती है कि खिलाड़ियों को आराम करने के लिए वक्त ही नहीं मिलता. गिल इस बात पर भी सहमत नहीं हैं कि क्रिकेट को ओलंपिक खेलों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
चीन में हो रहे एशियाड खेलों में क्रिकेट टीमों को नहीं भेजने का फैसला ओलंपिक काउंसिल ऑफ इंडिया में पसंद नहीं किया गया. उनका कहना था कि क्रिकेट को सही मायनों में अंतरराष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों में शामिल किए जाने की योजना को झटका लगा है.
गिल का मानना है कि ओलंपिक या फिर एशियन गेम्स में क्रिकेट को शामिल किए जाने का कोई मतलब नहीं हैं. "ओलंपिक और एशियन गेम्स जैसे कार्यक्रम एथलेटिक्स, जिमनास्टिक, कुश्ती, जैसे खेलों के लिए हैं. अब आप इस सूची को ऐसे कारण दे कर बढ़ा रहे हैं जो मेरी समझ से तो बाहर है."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा मोंढे
संपादनः ए जमाल