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गुर्जरों के साथ आरक्षण पर बातचीत नाकाम

३ जनवरी २०११

गुर्जरों को आरक्षण देने के मुद्दे पर 14 दिन से चले आ रहे गतिरोध को तोड़ने के लिए रविवार रात हुई बातचीत नाकाम रही. आंदोलनकारी सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण हासिल करने की मांग पर अड़े हैं.

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तस्वीर: UNI

चार घंटे तक चली बेनतीजा बैठक के बाद राजस्थान के ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य सरकार और गुर्जरों के बीच फिर सोमवार को बातचीत होगी. गुर्जर नेता श्रीराम बैंसला ने कहा, "गतिरोध कायम है." लेकिन उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी समस्या का समाधान तलाशने के लिए होने वाली अगली बातचीत में हिस्सा लेंगे.

गुर्जरों की मांग है कि राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर उन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए ताजा विधेयक पारित किया जाए. साथ ही वे प्रदर्शनों के दौरान घायल होने वाले लोगों के लिए मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं. वे इस दौरान होने वाली हिंसा में मारे गए लोगों के एक रिश्तेदार के लिए नौकरी और अपाहिज होने वालों को पेंशन भी चाहते हैं.

रविवार को बसंता गुर्जर के नेतृत्व में 51 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सचिवालय में तीसरे दौर की बातचीत की. सरकार की तरफ से मौजूद कमेटी में ऊर्जा मंत्री सिंह के अलावा गृह मंत्री शांति धारीवाल और परिवहन मंत्री बीके शर्मा भी शामिल थे. यह बातचीत केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट की अपील पर बहाल हुई है. गुर्जर समुदाय से संबंध रखने वाले पायलट इस समस्या का बातचीत से समाधान चाहते हैं. गुर्जर पहले सरकार के साथ बातचीत करने से इनकार कर रहे थे. वे इस मामले में अपने समुदाय के कांग्रेस नेताओं का हस्तक्षेप चाहते हैं.

बातचीत का दूसरा दौर गुरुवार को हुआ जिसमें बयाना में 11 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से बातचीत की. पहले दौर की वार्ता रविवार को पिलुकापुरा में हुई जो इस आंदोलन का मुख्य केंद्र है. लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है.

इससे पहले हाई कोर्ट ने 22 दिसंबर को गुर्जरों को आरक्षण देने वाले कानून के अमल पर रोक लगा दी और सरकार को निर्देश किया कि वह साल भर के भीतर गुर्जर समुदाय पर आंकड़े जुटाए ताकि उसे दिए जाने वाले आरक्षण को उचित ठहराया जा सके. आंदोलनकारियों ने मुंबई दिल्ली रेल मार्ग और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को रोक रखा है. पिछले 14 दिनों में आरक्षण की मांग पर कई और सड़कों को भी रोका गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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