1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गुर्जर आंदोलनः रेलवे को 1500 करोड़ की चपत

४ जनवरी २०११

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे जबरदस्त आंदोलन की मार रेलवे पर पड़ रही है. राजस्थान से होकर जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही ठप होने की वजह से रेलवे को अब तक करीब 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

https://p.dw.com/p/ztAQ
तस्वीर: AP

गुर्जर आंदोलन के चलते ट्रेनों की आवाजाही बंद है जिसके चलते यात्रियों को तो दिक्कत उठानी पड़ ही रही है, रेलवे की कमाई की गाड़ी भी राजस्थान में ठहर गई लगती है. केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि रेलवे को हो रहा नुकसान जबरदस्त है. "गुर्जर आंदोलन के चलते हमें अब तक 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. आंदोलन की वजह से न तो यात्री गाड़ी की आवाजाही हो पा रही है और न ही माल ढुलाई का काम हो पा रहा है."

ममता बनर्जी के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की वजह से रेलवे वैसे ही वित्तीय भार से दबा जा रहा है. पेंशन में वृद्धि हो रही है और कई राज्यों में आए दिन माओवादी हमलों के चलते विभाग को नुकसान हो रहा है और गुर्जर आंदोलन ने हालात विकट बना दिए हैं. रेल मंत्री का कहना है कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने में रेलवे को करीब 55 हजार करोड़ रुपये का भार सहना पड़ा है. इसके अलावा रेल संपत्तियों पर माओवादी हमलों से 500 करोड़ रुपये तक की हानि हो चुकी है.

राजस्थान में गुर्जर समुदाय का आंदोलन तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है जिसके चलते दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों का रद्द होना जारी है या फिर उनका रास्ता मोड़ा जा रहा है. सर्दी के मौसम में कोहरे की वजह से ट्रेन घंटों देरी से चल रही है जिससे रेलवे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. उत्तर रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को करीब 20 ट्रेनें कई घंटे देर से पहुंची. बांद्रा गरीब रथ ट्रेन 30 घंटे और पश्चिम एक्सप्रेस 29 घंटे देर से चल रही है.

गुर्जर समुदाय राजस्थान में सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण का मांग कर रहा है और इसके लिए दो हफ्तों से भी ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं. राज्य सरकार और गुर्जर में कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया है. आंदोलन की मार सबसे ज्यादा दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर पड़ी है. इससे पहले बीजेपी की सरकार के दौरान भी गुर्जर आरक्षण की मांग के लिए सड़कों पर उतर चुके हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी