गोपीनाथ मुंडे की हादसे में मौत
३ जून २०१४भारत के ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की दिल्ली में एक सड़क हादसे में मौत हो गई. उन्होंने हफ्ते भर पहले ही केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी. भारत की सड़कें पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक सड़कों में गिनी जाती हैं.
मंगलवार तड़के 64 साल के मुंडे दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे, तभी उनकी कार को दूसरी कार ने बाईं तरफ से टक्कर मार दी. बाद में अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंडे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "एक शानदार नेता को मेरी श्रद्धांजलि. उन्होंने जो जगह खाली की है, उसे भरना मुश्किल होगा. उनके परिवार को हमारी श्रद्धांजलि. हम संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं."
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता मुंडे को मोदी मंत्रिमंडल के सबसे अहम मंत्रियों में गिना जा रहा था, जिनके जिम्मे भारत के गांवों का विकास करना था. भारत की सवा अरब आबादी में से लगभग आधी अभी भी गांवों में रहती है.
मंत्री अपनी सुजूकी एसएक्स 4 कार की पिछली सीट पर बैठे थे, जब टाटा इंडिका ने उनकी कार को साइड से टक्कर मार दी. हादसे के बाद उन्हें फौरन एम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने 50 मिनट तक उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की. अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा, "वह सांस नहीं ले रहे थे, उनके हृदय में कोई हलचल नहीं थी." टाटा इंडिका का ड्राइवर पुलिस हिरासत में है. मुंडे के ड्राइवर और अंगरक्षक को चोट नहीं आई.
टेलीविजन पर मुंडे की कार की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिसमें कार को बाईं तरफ से और आगे से थोड़ा नुकसान हुआ दिखता है. खराब सड़कों और बुरी ट्रैफिक व्यवस्था के बीच अथाह गाड़ियों वाले देश भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. साल 2010 में भारत में 2,30,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए. साल 2012 के आंकड़ों के मुताबिक हर घंटे 15 लोगों की ऐसे हादसों में जान गई.
मुंडे से पहले 2000 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश पायलट और 2007 में बीजेपी के साहिब सिंह वर्मा सड़क हादसे में मारे जा चुके हैं.
एजेए/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी, पीटीआई)