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गोल्ड चूकने से निराश वेटलिफ्टिंग कोच

५ अक्टूबर २०१०

19वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन भारतीय महिला वेटलिफ्टरों ने टीम की झोली में भले ही एक रजत पदक और एक कांस्य पदक डाल दिया हो, टीम के कोच हरनाम सिंह उनके इस प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है. स्वर्ण पदक से दूर रह जाने का मलाल.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

महिला वेटलिफ्टिंग के 48 किलोग्राम वर्ग में सोनिया चानू ने रजत पदक जीता जबकि संध्या देवी ने कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया लेकिन दोनों का प्रदर्शन अपने कोच की आशाओं के अनुरूप नहीं रह पाया. गोल्ड मेडल न जीत पाने के लिए माफी मांगते हुए कोच हरनाम सिंह ने कहा, "स्वर्ण पदक न जीत पाने के चलते मैं सारे देश से क्षमा मांगता हूं. हमें गोल्ड मेडल जीतने की पूरी उम्मीद थी लेकिन सोनिया चानू 76 किलोग्राम वजन नहीं उठा सकी."

स्नैच में चानू ने अपने पहले प्रयास में 73 किलोग्राम वजन उठाया लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में वह 76 किलोग्राम वजन नहीं उठा पाईं. क्लीन एंड जर्क में चानू ने पहली बारी में 94 किग्रा भार उठाया. उसके बाद स्वर्ण जीतने के लिए उनके पास 103 किलोग्राम उठाने का विकल्प ही बचा था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. चानू ने कुल 167 किलोग्राम भार उठाया. नाइजीरिया की ऑगस्टीना न्केम न्वाओकोलो ने 175 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.

संध्या रानी ने 165 किलोग्राम भार के साथ कांस्य पदक जीता. कोच हरनाम ने बताया, "वजन उठाने की जिम्मेदारी तो खिलाड़ी की थी लेकिन वह विफल रहीं. तो दोष पहले उनका है और फिर मेरा. मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारे से तकनीक या रणनीति में गलती हुई क्योंकि तकनीकी रूप से हमारे खिलाड़ी मजबूत है. हमारी किस्मत ही खराब रही."

वैसे सोनिया चानू ने भी अपनी निराशा जाहिर करते हुए कोच की भावनाओं को सही ठहराया है. "मुझे लगता है कि सोमवार को ईश्वर मेरे साथ नहीं था. अपने प्रदर्शन से मैं बेहद निराश हूं. वैसे मैंने भारत के लिए इन खेलों में पहला मेडल जीता है लेकिन अपने कोच के लिए मैं दुखी हूं जिन्होंने मुझसे उम्मीदें लगाई थीं. हम गोल्ड से कम की तो उम्मीद ही नहीं कर रहे थे." हालांकि कांस्य जीतने वाली संध्या रानी अपने प्रदर्शन से खुश हैं. संध्या के मुताबिक वह अपने प्रयास और प्रदर्शन से संतुष्ट हैं.

गोल्ड मेडल जीतने वाली नाइजीरियाई वेटलिफ्टर न्वाओकोलो ने स्नैच में 77 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 98 किलोग्राम उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स रिकॉर्ड बनाया है. जब न्वाओकोलो से पूछा गया कि क्या उनके मन में रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य था तो उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वह ऐसा कर सकती हैं क्योंकि इतना भार वह पहले उठा चुकी हैं. स्नैच में खिलाड़ी को सीधे वजन उठाना पड़ता है जबकि क्लीन एंड जर्क में वजन को एक बार उठाकर छाती तक लाने और फिर ऊपर उठाना होता है.

पुरुष वेटलिफ्टिंग में भारत के सुखेन डे ने 56 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता है जबकि श्रीनिवास राव ने कांस्य पदक हासिल किया. गोल्ड मेडल मलेशिया के इब्राहिम अमीरुल हमीजान ने जीता.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भट्टाचार्य

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