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ग्रीनहाउस के खिलाफ गोबर गैस

२३ नवम्बर २०१०

भारत में कई दशकों से खादी की सी निष्ठा के साथ गोबर गैस चेतना बढ़ाने की कोशिश की जाती रही है, लेकिन अब चीन में इसका नया, कहीं अधिक उपयोगी और औद्योगिक आयाम देखने को मिल रहा है.

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तस्वीर: AP

एक चीनी डेयरी फार्म में गोबर से बिजली पैदा करने का संयत्र तैयार किया जा रहा है. यह विश्व में अपने प्रकार का सबसे बड़ा प्लांट होगा और इससे हजारों परिवारों को बिजली मिल सकेगी.

टेक्नोलॉजी रिव्यू पत्रिका में छपे एक लेख के अनुसार हुइशान डेयरी फार्म का यह संयंत्र अब तक के संयंत्रों से 10 गुना बड़ा होगा और यहां 60,000 गाय के गोबर से मीथेन गैस प्राप्त कर उससे बिजली तैयार की जाएगी. इससे प्राप्त बिजली की मात्रा लगभग 6 मेगावाट के बराबर होगी. यह अमेरिका में 3500 घरों की खपत के बराबर है, लेकिन चीन में उससे कई गुना अधिक परिवारों के लिए यह काफी होगी.

हुइशान डेयरी फार्म चीन के उत्तर पूर्व में लिआओनिंग प्रदेश में है. यहां ढाई लाख गाय हैं, जो फ्लोरिडा प्रदेश में गाय की आबादी की दोगुनी है. फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में पर्यावरणीय माइक्रो बायोलॉजी की प्रोफेसर ऐन विल्की का कहना है कि इस परियोजना से बायो गैस में निहित संभावनाओं की ओर लोगों का ध्यान जाएगा. वह कहती हैं कि यहां स्पष्ट हो रहा है कि यह कोई दूर भविष्य में काम आने वाली टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि आज ही के कचरों से नवीकरणीय उर्जा प्राप्त की जा सकती है.

चीन मे डेयरी फार्मिंग का तेज विकास हो रहा है और यह ग्रीनहाउस गैस का एक मुख्य स्रोत बन गया है. लेकिन हुइशान जैसी परियोजनाओं से न सिर्फ बिजली पैदा होगी, बल्कि मीथेन के उत्सर्जन को भी घटाया जा सकेगा, जो धरती का तापक्रम बढ़ाने के सिलसिले में कार्बन डाय ऑक्साइड से 23 गुना ज्यादा हानिकारक है. साथ ही वातावरण में दुर्गंध घटेगा और खेतों के लिए बेहतर खाद मिल सकेगा.

चीन में दसियों लाख छोटे फार्म हैं, जहां ऊर्जा के स्रोत के रूप में गोबर के बेहतर इस्तेमाल के संयंत्र हैं, लेकिन पहली बार हुइशान में ऐसा संयंत्र बनाया जा रहा है, जहां लगभग औद्योगिक स्तर पर बिजली का उत्पादन होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए जमाल

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