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ग्रीस में सूखे पड़े एटीएम, टूरिस्ट परेशान

३० जून २०१५

ग्रीस संकट का असर वहां के नागरिकों पर तो हो ही रहा है, साथ ही साथ टूरिस्ट भी परेशान हैं. सरकारें अपील कर रही हैं कि लोग एटीएम पर निर्भर ना करें और अपने साथ पैसा ले कर जाएं.

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तस्वीर: Reuters/S. Rapanis

ग्रीस के प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास ने कहा है कि देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 1.6 अरब यूरो का ऋण नहीं चुकाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ घंटों में अगर कोई समझौता हो जाता है, तभी इस बारे में सोचा जा सकता है. वहीं जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शॉएब्ले ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि ग्रीस मंगलवार की समय सीमा में ऋण चुका सकेगा. जर्मन सांसदों को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि ग्रीस अब भी यूरोप परिवार का एक महत्वपूर्ण अंग है और ग्रीस सरकार को अपने भविष्य को बचाने के लिए जल्द ही कुछ करना होगा. शॉएब्ले की तरह यूरोजोन के नेता जनमत संग्रह में लोगों से "हां" में वोट डालने का आग्रह कर रहे हैं. इसके विपरीत सिप्रास ने कहा कि अगर जनमत संग्रह में लोग "हां" में जवाब देते हैं, तो वे इस्तीफा दे देंगे. उनका कहना है कि सरकार लोगों के फैसले का सम्मान करेगी लेकिन उसे लागू नहीं करेगी.

इससे पहले ग्रीस में एक हफ्ते के लिए सभी बैंकों को बंद कर दिया गया. लोग प्रतिदिन एटीएम से सिर्फ 60 यूरो ही निकाल सकते हैं. ऐसे पेंशनर, जिनके पास बैंक कार्ड या क्रेडिट कार्ड नहीं है, उन्हें पेंशन के भुगतान के लिए देश भर में 1000 बैंक शाखाएं खोली जा रही हैं. सरकार का कहना है कि ग्रीस घूमने आए विदेशियों पर 60 यूरो की सीमा वाला नियम लागू नहीं होगा लेकिन सैलानियों को एटीएम में पैसा खत्म हो जाने की चिंता सता रही है.

ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने साथ नकद रखें. उन्हें चेतावनी दी गयी है कि एटीएम के बाहर लंबी कतारें मिल सकती हैं और एटीएम खाली भी हो सकते हैं. साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में और सार्वजनिक यातायात के दौरान अपने पैसों और कीमती सामान का ज्यादा ध्यान रखें. मंगलवार से एथेंस में सार्वजनिक यातायात निःशुल्क है. क्योंकि एटीएम के अलावा पेट्रोल खरीदने के लिए भी लंबी कतारें लगने लगी थीं, इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है.

टूरिज्म ग्रीस के लिए अहम है. ग्रीस की होटल एसोसिएशन ने सरकार के बैंक बंद करने के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि देश में चल रही हलचल का असर सीधे टूरिज्म पर पड़ेगा और सरकार को इस बात को समझना होगा. हेलेनिक चेंबर ऑफ होटल्स ने एक बयान में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सभी राजनीतिक ताकतें अपनी जिम्मेदारी को समझेंगी और देश को जल्द से जल्द स्थिरता की ओर लाएंगी. ग्रीस की टूरिज्म को बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है. एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस दिशा में काम कर रही है कि मौजूदा संकट का असर देश की छवि पर ना पड़े और देश में आ रहे टूरिस्ट को किसी परेशानी से ना गुजरना पड़ा. हालांकि टूरिस्ट सब जगह क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ग्रीस में चल रहे संकट के बावजूद पिछले साल 2.2 करोड़ टूरिस्ट वहां पहुंचे. 2013 की तुलना में यह 23 फीसदी अधिक है. सबसे ज्यादा टूरिस्ट जर्मनी से पहुंचे. इसके बाद नंबर रहा ब्रिटेन, बुल्गारिया, फ्रांस और रूस का. जर्मनी की टूर ऑपरेटिंग कंपनी टुई का आंकलन है कि 2015 के अंत तक ग्रीस पहुंचने वालों की संख्या 2014 से भी ज्यादा होगी.

आईबी/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)