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ग्वांतानामो का सबसे छोटा कैदी अदालत में पेश

११ अगस्त २०१०

ग्वांतानामो कैदी उमर ख़द्र की सुनवाई मंगलवार को सैन्य अदालत में शुरू हुई. ख़द्र को आठ साल पहले अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. तब वह केवल 15 साल का था.

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तस्वीर: AP

कनाडा के 23 वर्षीय क़ैदी, उमर ख़द्र को ग्वानतानामो की खाड़ी की सैनिक जेल में एक अदालत में पेश किया गया.

अल क़ायदा के कथित आर्थिक मददगार का टोरंटो में जन्मा पुत्र ख़द्र ग्वानतानामो में हिरासत में रखा जा रहा सबसे कम उम्र व्यक्ति है. वह वहां किसी पश्चिमी देश का अकेला बचा क़ैदी है.

ख़द्र मंगलवार को अदालत में सूट और टाई पहने पेश हुआ और उसने उन 15 अमेरिकी सैनिक अधिकारियों का अभिवादन किया, जिनमें से कम से कम पांच का ख़द्र के लिए कोई सज़ा तजवीज़ करने के लिए चयन किया जाएगा. आरंभिक दलीलें बुधवार ही शुरू हो सकती हैं.

अभियोक्ताओं ने ख़द्र को अफ़ग़ानिस्तान में एक हथगोला फेंक कर अमेरिकी थल सेना के एक सार्जेंट की हत्या का दोषी बताया है.

उस पर अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना के ख़िलाफ़ इस्तेमाल के लिए बम बनाने, अमेरिकी सैनिक काफ़िलों के ख़िलाफ़ जासूसी करने, आतंकी कार्रवाइयों में ठोस सहायता मुहैया करने और अल क़ायदा के साथ ग़ैरसैनिकों के ख़िलाफ़ आतांकवादी कार्रवाइयों की साज़िश के आरोप भी लगे हैं.

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तस्वीर: AP

ख़द्र अफ़ग़ानिस्तान में बुरी तरह ज़ख़्मी हो गया था, जिसके बाद उसकी बाईं आंख की रोशनी चली गई. उसने 30 वर्ष की क़ैद की वॉशिंगटन की वह पेशकश ठुकरा दी, जिसके तहत वह 25 वर्ष कनाडा में गुज़ार सकता है.

बचाव वकीलों का कहना है कि ख़द्र स्वयं हालात का शिकार है, जिसे उसके पिता ने प्रशिक्षण के लिए बम बनाने वाले एक दस्ते के हवाले कर दिया था. ख़द्र को अफ़ग़ानिस्तान में 2002 में हिरासत में लिया गया, जब उसकी आयु केवल 15 वर्ष थी.

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार ऐसे कैदी पर मुकदमा हो रहा है जो गिरफ्तारी के दौरान वयस्क नहीं था. इस वजह से यह मामला गहरे विवाद का कारण बना हुआ है.

सशस्त्र संघर्षों में बच्चों के इस्तेमाल के मामलों की संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि राधिका कुमारस्वामी ने मुक़दमे की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ख़द्र के मुक़दमे से बच्चों पर युद्ध अपराध मुक़दमे चलाए जाने की ख़तरनाक मिसाल क़ायम हो सकती है. उन्होंने कहा कि बच्चों को सैनिक अदालत में पेश नहीं किया जाना चाहिए. कुमारस्वामी का कहना है कि कनाडा और अमेरिका को एक ऐसा समाधान हासिल करना चाहिए, जो आपसी स्तर पर स्वीकार हो.

कुमारस्वामी ने कहा कि इस तरह ख़द्र को एक ऐसे युद्ध अपराध का दोषी ठहराए जाने से रोका जा सकेगा, जो उसने कथित रूप से तब अंजाम दिया, जब वह बच्चा था.

बच्चों पर ऐसे मुक़दमे चलाए जाने के विरोधियों का विचार है. जैसा राधिका कुमारस्वामी ने कहा भी कि बाल सैनिकों को हालात के शिकार के रूप में देखा जाना चाहिए और फिर से जीवन की शुरुआत करने का अवसर दिया जाना चाहिए. ख़द्र ग्वानतानामो में रखे जा रहे 176 क़ैदियों में सबसे कम उम्र का है.

रिपोर्टः गुलशन मधुर, वॉशिंगटन

संपादनः आभा एम

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