1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

घोड़ों की मदद से इलाज

५ दिसम्बर २०१४

शिकागो में एक अस्पताल के गलियारे में अचानक दो छोटे घोड़े आ गए. मरीजों से लेकर डॉक्टरों तक के लिए यह कौतूहल का विषय बन गया. मरीजों के इलाज के सिलसिले में यह एक नए तरह का प्रयोग है.

https://p.dw.com/p/1DzeZ
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Spencer Green

कम उम्र वाले मरीज अचानक गलियारों में निकल आए और इन खूबसूरत घोड़ों की एक झलक पाने की कोशिश करने लगे. कोई इनके सिर को सहलाता एक सेल्फी लेने में मशगूल हो गया.

मिस्ट्री और लूनर नाम के ये दोनों घोड़े आकार में कुत्तों से बड़े नहीं. वे यहां मरीजों की मदद करने पहुंचे. इसे एनिमल थेरेपी या जानवरों के जरिए इलाज कहा जाता है और आम तौर पर इनमें कुत्तों का इस्तेमाल होता है. रिपोर्टों के मुताबिक इससे मरीजों को मनोवैज्ञानिक तौर पर काफी फायदा पहुंचता है.

इन घोड़ों में एक और खास बात है - ज्यादातर बच्चे तो जानते ही नहीं कि परियों की दुनिया से बाहर इनका अस्तित्व भी है. 14 साल की एलिजाबेथ डंकन तो मिस्ट्री के नाक को सहलाते हुए बोल पड़ी, "मुझे भी एक ऐसा घोड़ा चाहिए." इस तरह के कुल चार घोड़े अमेरिका में लोगों की इलाज में मदद के लिए लगे हैं. लेकिन यह पहला मौका था, जब वे किसी अस्पताल में पहुंचे. उन्होंने शिकागो के रश यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर का दौरा किया.

USA Medizin Pferd im Krankenhaus Rush University Medical Center in Chicago
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Spencer Green

जानवरों से फायदा

अस्पताल के बाल विभाग के अध्यक्ष रोबिन हार्ट का कहना है, "हमने लंबे वक्त से जानवरों से जुड़ी थेरेपी को आजमाया है और इसका बच्चों पर खास तौर पर काफी अच्छा प्रभाव देखा है. वे बिना किसी शर्त के इन्हें प्यार करते हैं."

हार्ट का कहना है कि ये छोटे घोड़े ऐसे हैं, जिन्हें बच्चे तो क्या ज्यादातर बड़ों ने भी नहीं देखा है. उनका कहना है कि ये अस्पतालों के माहौल से बिलकुल अलग होते हैं, "उनके नर्म कान सहलाने में बड़ा मजा आता है." कुछ लोग इन छोटे घोड़ों को खच्चर समझ बैठते हैं. मिर्गी की मरीज 17 साल की एमिली पीश तो बिलकुल खुशी से झूम उठती हैं, "ये इतने अच्छे हैं और बहुत प्यारे हैं."

कुछ रिसर्चरों का कहना है कि जानवरों की मदद से इलाज से दर्द कम होता है और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है. इनसे बच्चों में डर और तनाव भी कम होता है. इस दिशा में मरीजों की रिपोर्ट भी उत्साहजनक है. अप्रैल में दक्षिणी मेडिकल एसोसिएशन की पत्रिका में 10 साल की समीक्षा छपी, जिसमें कहा गया ये सुरक्षित तरीका है और इससे अच्छा प्रभाव पड़ता है. इस समीक्षा को छापने वालों में फ्लोरिडा की डॉक्टर कैरोलीन बर्टन भी हैं. वे इस बात को खारिज करती हैं कि जानवरों की वजह से अस्पतालों में कीटाणु आने का खतरा होता है.

एजेए/एमजे (एपी)