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चमार पॉप ही नहीं, दूसरे गाने भी गाना चाहती हैं गिन्नी माही

५ अक्टूबर २०१६

गिन्नी माही भारत के दलितों की नई आवाज है जो अपने गीतों के जरिए जातिवादी धारणाओं पर चोट कर रही है. वो गाती तो पंजाबी में है, लेकिन उनका चर्चा सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर में हो रहा है.

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Indien Sängerin Ginni Mahi
तस्वीर: DW/A. Andre

17 साल की गिन्नी का नाता पंजाब से है और अपने गीतों के जरिए वह निचली कही जाने वाली चमार जाति के लोगों के अधिकारों की आवाज को बुलंद कर रही हैं. उनके लिए संगीत इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का जरिया है. माही की आवाज में आत्मविश्वास है, सुर हैं और उनके गीत लोगों की जुबान पर चढ़ रहे हैं. यूट्यूब पर उनके वीडियो पसंद किए जा रहे हैं. सितंबर में ही उन्होंने दिल्ली में अपनी पहली परफॉर्मेंस दी.

दिल्ली के लोगों से मुखातिब होते हुए माही ने कहा, "मैं चाहती हूं कि मेरी बिरादरी का मान बढ़े और उसे पूरी दुनिया में जाना जाए.” उनकी ये परफॉर्मेंस दलित समुदाय के अधिकारों के समर्थन में बुलाई गई बड़ी रैली का एक हिस्सा थी. वहां ऐसे बहुत से लोग मौजूद थे जिन्होंने माही को पहले कभी नहीं सुना था. नीली सलवार कमीज में स्टेज पर आईं माही ने अपनी मातृभाषा पंजाबी में गाया जबकि लोगों से बात हिंदी में की. शो खत्म होते होते वह लोगों का दिल जीत चुकी थीं और माही के साथ लोग "जय भीम" के नारे लगा रहे थे.

माही को यह पहचान रातोरात नहीं मिली है. ये अलग बात है कि राष्ट्रीय स्तर पर उनका नाम एकदम लोगों के सामने आया है. उनका घर जालंधर में है. उनके घर जाने पर बहुत सारे अवॉर्ड दिखाई देते हैं जो उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीते हैं. अवॉर्ड्स के अलावा दलितों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें उनके पूरे कमरे में मौजूद हैं.

Indien Sängerin Ginni Mahi
तस्वीर: DW/A. Andre

जब हम माही से मिलने पहुंचे तो रविवार की दोपहर थी. माही बस सो कर ही उठी थीं क्योंकि अपने एक कार्यक्रम से देर रात लौटी थीं. माही कहती हैं कि उन्हें लोकप्रिय तो "डंगर चमार" गीत ने बनाया, लेकिन उन्हें अंबेडकरवादी गीतों की गायिका के रूप में "पहचान” मिली "फैन बाबा साहब दी" गीत से.

वह बताती हैं, "इस गीत में हम बताने की कोशिश करते हैं कि बाबा साहब को अपनी जिंदगी में किन संघर्षों से गुजरना पड़ा. और मैं ये भी बताती हूं कि मैं अंबेडकर के पदचिन्हों पर चलना चाहती हूं और उनकी बेटी जैसी बनना चाहती हूं.” वह कहती हैं कि अंबेडकर महिलाओं की शिक्षा पर बहुत जोर देते थे. माही को विदेश में परफॉर्म करने के ऑफर भी मिलते हैं लेकिन वह उन्हें इसलिए ठुकरा देती हैं क्योंकि इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. वो जालंधर के ही एक कॉलेज में संगीत और नृत्य की पढ़ाई करती हैं. वह कहती हैं, "जहां तक संभव हुआ मैं पढ़ती जाऊंगी.”

उन्हें अपने पिता राकेश माही का भरपूर समर्थन मिलता है. पहले वह एक ट्रैवल एजेंसी में काम करते थे. लेकिन जब उनकी बेटी सफल हो गई तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बेटी के मैनेजर बन गए. वह कहते हैं, "मैं पूरी कोशिश करता हूं कि वह महीने में तीन या चार से ज्यादा शो न करे.” माही का चचेरा भाई भी उनकी मदद करता है. माही के ग्रुप में तीन से चार लोग हैं और उन्होंने अब तक दो अलबम निकाले हैं.

पंजाब में एक तिहाई आबादी दलितों की है जो भारत में जनसंख्या के हिसाब से सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. इसी मिट्टी से उभरा है चमार पॉप. माही से पहले चमार पॉप गाने वाले रूप लाल धीर कहते हैं कि दलित नेता कांशीराम के आंदोलन से उनके संगीत को शुरू में प्रेरणा मिली. धीर अब तक दस अलबम निकाल चुके हैं और मानते हैं कि अब चमार पॉप ने अपनी जगह बना ली है. वह माही की बहुत तारीफ करते हैं.

कुछ साल पहले तक धीर अन्य गीत भी गाते थे, लेकिन अब उन्होंने अपने आपको सिर्फ चमार पॉप को समर्पित कर दिया है. हालांकि इसके अपने खतरे भी है. वह बताते हैं, "मुझे धमकी भरे फोन कॉल और मैसेज मिलते हैं.” वैसे उनके सुनने वालों से उन्हें तारीफें भी बहुत मिलती हैं. उन्हें माही पर गर्व है और चाहते हैं कि कुछ और ऐसे ही कलाकार सामने आएं.

माही का कहना है कि उन्हें अब तक सीधे तौर पर किसी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन उन्हें पता है कि उनकी चमार जाति के अलावा अन्य दलित समुदायों पर किस तरह के जुल्म होते हैं. वह चाहती हैं कि यह सब रुकना चाहिए. "हर समुदाय अपने लिए सम्मान चाहता है.”

Indien Sängerin Ginni Mahi
तस्वीर: DW/A. Andre

माही का चमार पॉप तो हिट है लेकिन वो आगे दूसरे गीत भी गाना चाहती हैं. संगीत में उनकी प्रेरणा लता मंगेशकर भी हैं और उन्हीं की तरह वो बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना चाहती हैं. माही के मुताबिक वो हर तरह के गाने गाना चाहती हैं. वैसे पंजाबी फिल्मों से गाने के ऑफर तो उन्हें पहले ही मिल चुके हैं. इसके अलावा इंडिया टुडे पत्रिका के एक कार्यक्रम में वो बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन के साथ मंच साझा कर चुकी हैं. कुल मिलाकर इन दिनों मीडिया का उन पर पूरा ध्यान है.

रिपोर्ट: एलेता आंद्रे, अभिमन्यु कुमार