चार्ल्स शोभराज की अपील खारिज, सजा बरकरार
३० जुलाई २०१०फ्रांस में जन्मे चार्ल्स शोभराज को 1975 में अमेरिकी टूरिस्ट कोनी जो ब्रोंजिश की हत्या करने के लिए एक अदालत ने 2004 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 66 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय किलर ने इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
शोभराज के खिलाफ एक और मुकदमा भक्तपुर की जिला अदालत में चल रहा है जहां उस पर 1975 में ही कनाडा की एक टूरिस्ट की हत्या का आरोप है. दोनों ही लाशें काठमांडू के बाहरी इलाके में बरामद हुई थीं. बरमदगी के समय लाशें पहचान न होने के लायक जली हुई थीं. उन्हें चाकू मारा गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने चार्ल्स शोभराज की अपील पर फैसला सुनाते हुए कहा, "हालांकि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर सीधे सबूत नहीं हैं, हम काठमांडू जिला अदालत और पाटन अपील अदालत के फैसलों में कोई त्रुटि नहीं देखते.इसलिए हम उनके फैसलों को वैध ठहराते हैं."
भारतीय और वियतनामी मां बाप की संतान शोभराज को अदालत ने पासपोर्ट की जालसाजी का भी दोषी पाया और नेपाल में उसकी संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए. 2004 के फैसले के बाद से काठमांडू जेल में 20 साल की सजा काट रहे शोभराज का कहना है कि वह पहली बार सितंबर 2003 में काठमांडू गया था. उसे उसी साल काठमांडू के एक कसीनो में गिरफ्तार किया गया.
थाइलैंड के पर्यटन केंद्र पटाया में छह महिलाओं की हत्या वाले बिकिनी किलर मामले में भी शोभराज का हाथ होने के आरोप हैं. वह भारत में भी इरादतन हत्या के लिए 21 साल की कैद काट चुका है.
अदालत आई शोभराज की 21 वर्षीया नेपाली पत्नी निहिता विस्वास ने कहा, हर बार जब सुनवाई होती है तो मैं भाग जाना चाहती हूं. शोभराज की वकील और सास शकुंतला थापा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पत्रकारों से कहा, "फैसला अनुचित है और जज भ्रष्ट हैं." निहिता विस्वास ने कहा, "हम जजों के खिलाफ मुकदमा करेंगे. हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील करेंगे."
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल