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चार खाड़ी देशों के दौरे पर मैर्केल

२४ मई २०१०

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल खाड़ी देशों के चार दिन के दौरे पर रवाना हो गई हैं. इस यात्रा का मकसद जर्मनी और खाड़ी देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना है. मध्यपूर्व शांति प्रक्रिया और ईरान के मुद्दे पर भी बात होगी.

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अबु धाबी में मैर्केल का स्वागततस्वीर: picture-alliance/dpa

खाड़ी देशों के अपने दौरे में जर्मन चांसलर सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और बहरीन का दौरा करेंगी. अपने साप्ताहिक विडियो संदेश में मैर्केल ने कहा कि वह जिन देशों के दौरे पर जा रही हैं, उनके साथ आने वाले समय में व्यापार बहुत महत्वपूर्ण है. मैर्केल ने इस क्षेत्र के राजनीतिक महत्व पर भी जोर दिया. एक तरफ जहां इस्राएल और फलीस्तीन के बीच मध्यपूर्व शांति प्रक्रिया में इन देशों की भूमिका हो सकती है, वहीं ईरान की परमाणु महत्वकांक्षाओं से जुड़े विवाद को देखते हुए भी इनके साथ सहयोग महत्वपूर्ण है.

मैर्केल ने कहा कि खास तौर से सउदी अरब मध्यपूर्व के विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका अदा करता आया है. विदेश नीति पर मैर्केल के सहालकार क्रिस्टोफ हॉएसगेन कहते हैं, "इस क्षेत्र के देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपनी सुरक्षा के लिए भी खतरा मानते हैं. चूंकि वे बिल्कुल पड़ोस में हैं, इसलिए हालात खराब होने पर उन्हीं को सबसे पहले नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए हम उन्हें अपने साथ लेना चाहते हैं. साथ ही ईरान पर प्रतिबंध लगाते समय भी उन्हीं से सबसे पहले बात होगी."

जर्मन चांसलर ने कहा कि खाड़ी क्षेत्र कई तरह के अहम बदलावों से गुजर रहा है क्योंकि अब उसके तेल के भंडार कम होते जा रहे हैं. मैर्केल के मुताबिक, "ये सभी चारों देश अपने आपको उन हालात के लिए तैयार कर रहे हैं, जब उनके पास ज्यादा प्राकृतिक संसाधन नहीं बचेंगे. ऐसे में शिक्षा और अक्षय ऊर्जा एक भूमिका अदा करेंगी." दोनों ही क्षेत्रों में जर्मनी के साथ खाड़ी देशों की अहम साझीदारी हो सकती है.

सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और बहरीन के नेताओं के साथ होने वाली मैर्केल की मुलाकात में भविष्य की ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा होगी. मैर्केल अपनी इस यात्रा में सउदी अरब की नई किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी भी जाएंगी जहां महिला और पुरुष एक साथ पढ़ाई करते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य