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चीनी ज़मीन पर अहमदीनेजाद के मुश्किल क़दम

११ जून २०१०

चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के समर्थन के तुरंत बाद ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद वहां की यात्रा कर रहे हैं. शंघाई के अपने पत्रकार सम्मेलन में चीन की आलोचना से बचते हुए वे अमेरिकी राष्ट्रपति पर बरसे.

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तस्वीर: AP

मैं समझता हूं कि राष्ट्रपति ओबामा ने एक भारी ग़लती की है. उन्हें पता है कि कोई असर नहीं होगा. बहुत जल्दी उन्हें पता चल जाएगा कि उन्होंने सही रास्ता नहीं चुना है और ईरानी जनता के साथ दोस्ताने रिश्ते की राह में रोड़े अटकाए हैं. - ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का कहना था.

ईरानी राष्ट्रपति ने वाशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह अपनी मानसिक रूप से पिछड़ी नीति के साथ समूचे मध्य पूर्व को निगल जाना चाहता है. उनकी राय में मध्य पूर्व पर नियंत्रण हासिल करते हुए अमेरिका सारी दुनिया में प्रभुत्व की ओर बढ़ रहा है, और ईरान कभी भी इसकी इजाज़त नहीं देगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बराक ओबामा अब बुश के रास्ते पर चल रहे हैं.

चीन के बारे में उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों के प्रति चीन के समर्थन से दोनों देशों के बीच संबंध नहीं बिगड़ेंगे. लेकिन साथ ही उन्होंने सभी परमाणु सत्ताओं पर आरोप लगाया कि वे इस तकनीक पर अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं.

राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने ध्यान दिलाया कि चीन हर साल ईरान से दसियों लाख बैरल कच्चा खनिज तेल ख़रीदता है, वह महीनों तक नए प्रतिबंधों को रोकता रहा है, और अंततः रूस के साथ मिलकर उसने प्रतिबंधों को नरम बनाया है.

अहमदीनेजाद ने यह भी कहा कि प्रतिबंधों की वजह से ईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के सात अपना सहयोग बंद नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि उनके जांचकर्ताओं को ईरान नहीं छोड़ना पड़ेगा. शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के सिलसिले में कोई समस्या नहीं है. साथ ही उन्होंने प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ मतदान करने के लिए ब्राज़ील व तुर्की के प्रति अपना आभार व्यक्त किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: आभा मोंढे