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चीन वीजा विवाद हल करने की कोशिश में

२७ अगस्त २०१०

चीन ने जम्मू कश्मीर में तैनात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को वीजा देने से इनकार कर दिया. चीन का कहना है कि जम्मू कश्मीर संवेदनशील इलाका है. भारत ने किया इस फैसले का विरोध. रोका चीनी अधिकारियों को भारत आने से.

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सैन्य सहयोग रुकातस्वीर: APTN

भारत और चीन के बीच ताजा कूटनीतिक विवाद के बाद दोनों देशों ने आपसी सैन्य सहयोग को रोक दिया है. हालांकि अब चीन इस वीजा विवाद के मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहा है.

चीन ने जम्मू कश्मीर में आर्मी कंमाडर जनरल बीएस जसवाल को वीजा देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह संवेदनशील जम्मू कश्मीर से हैं. जनरल जसवाल दोनों देशों के बीच होने वाले सैन्य आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत चीन जाने वाले थे.

इसका विरोध करते हुए भारत ने चीनी सैन्य अधिकारियों की यात्रा को रोक दिया है. जनरल रैंक के अधिकारियों की चीन यात्रा के बारे में दोनों देशों के बीच जनवरी में रक्षा क्षेत्र पर हुई सालाना बातचीत के दौरान सहमति बनी थी. हालांकि उस समय यह तय नहीं किया गया था कि भारत से चीन किसे भेजा जाएगा.
भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चूंकि हम चीन के साथ आदान प्रदान को महत्व देते हैं तो एक दूसरे की चिंताओं पर भी संवेदनशीलता होनी चाहिए. इस मुद्दे पर चीन के साथ हमारा संवाद जारी रहता है."

आपसी विवादों और अविश्वास के बावजूद चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. इस साल दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 60 अरब डॉलर का होने की संभावना है. जो 2000 की तुलना में तीन गुना है.

चीन के पाकिस्तान को सहयोग के कारण भारत और चीन के बीच तनाव बना ही रहता है. तनाव का एक कारण अरुणाचल के साथ लगी सीमा है. भारत में रहने वाले दलाई लामा के कारण भी चीन की भवें तनी रहती हैं.

भारत और चीन के बीच बहुत सीमित सैनिक सहयोग है. सिर्फ जनरल रैंक के सैन्य अधिकारियों के आने जाने और कभी कभार होने वाले सैनिक अभ्यास ही इसे जारी रखे हुए हैं. वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास के लिए भारत अगले साल सैन्य अधिकारी चीन भेजने वाला है. इस सैनिक अभ्यास का नाम हैंड इन हैंड है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार