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चीन से ब्रिक्स प्रस्ताव की शिकायत करेगा पाकिस्तान?

७ सितम्बर २०१७

पाकिस्तान के विदेश मंत्री गुरुवार को चीन के दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान वह चीन से इस बात की शिकायत कर सकते हैं कि ब्रिक्स देशों के प्रस्ताव में लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों के नाम कैसे आ गये?

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China Xiamen BRICS-Treffen Narendra Modi und Xi Jinping
तस्वीर: Imago/Kyodo News

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान में एक बार फिर थोड़ी बेचैनी है. दो दिन पहले ही ब्रिक्स देशों के प्रस्ताव को पाकिस्तान नकार चुका है लेकिन फिर भी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के चीन दौरे में इस बात को लेकर चर्चा होने की खबरें आ रही हैं. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान चीन से इस बात की शिकायत करेगा कि पाकिस्तानी संगठनों के नाम इस प्रस्ताव में कैसे आ गये.

ब्रिक्स देशों के प्रस्ताव में पहली बार कुछ आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार हुआ है जिसमें पाकिस्तान की जमीन से भारत विरोधी अभियान चलाने वाले कुछ संगठनों के भी नाम हैं. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने ब्रिक्स देशों के प्रस्ताव को यह कह कर खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान में किसी आतंकवादी संगठन के लिए मुक्त रूप से काम करना संभव नहीं है. रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने यह भी कहा था, "आतंकवादी संगठनों के जो बचे खुचे निशान बच गये हैं उनकी भी सफायी की जा रही है."

इससे पहले विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि पाकिस्तान को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आतंकवादी संगठनों की वजह से इस देश की धूमिल हो रही छवि को कैसे सुधारा जाये. इसी हफ्ते पाकिस्तान ने दुनिया भर के अपने राजनयिकों का सम्मेलन बुला कर इसी मुद्दे पर गहन चर्चा भी की है.

Indien Jammu Moulana Masood Azhar
तस्वीर: picture-alliance/dpa

चीन ने पाकिस्तान के मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सूची में डलवाने की प्रक्रिया को दो बार वीटो किया है. अमेरिका और सुरक्षा परिषद के तमाम दूसरे देश इसके पक्ष में हैं. अमेरिका पहले ही मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की अपनी सूची में डाल चुका है. अमेरिका इस मामले में पहले ही पाकिस्तान की आलोचना कर चुका है. अमेरिका ने आतंकवाद पर ब्रिक्स देशों के प्रस्ताव का स्वागत भी किया है.

इन्हीं सब के बीच भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि चीन के साथ उत्तर पूर्व में सीमा पर चल रही खींचतान का फायदा उठाकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ हमला कर सकता है. ऐसे में देश को चीन के साथ संभावित युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान के साथ भी बातचीत की कम ही उम्मीद है.

जनरल बिपिन रावत ने चीन के साथ करीब 10 हफ्ते तक चलती रही तनातनी के खत्म होने पर ये बात कही है. रावत का कहना है कि पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है. सेंटर फॉर लॉ एंड वारफेयर स्टडीज के एक सम्मेलन के दौरान जनरल बिपिन रावत ने यह बात कही. भारत, पाकिस्तान और चीन तीनों परमाणु ताकत वाले देश हैं. बिपिन रावत का कहना है कि भरोसेमंद बचाव भी जंग के खतरे को नहीं मिटा पाता. बिपिन रावत ने कहा, "परमाणु हथियार, बचाव का हथियार है. हां वे हैं लेकिन यह कहना कि ये जंग को रोक लेंगे या फिर देशों को जंग में जाने से रोक लेंगे हमारे संदर्भ में यह कहना सही नहीं होगा. ऐसे में हमें तैयार रहना होगा."

एनआर/एके (एपी)