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चौदह सर्वोच्च चोटियों पर चढ़ी महिला पर्वतारोही

३० अप्रैल २०१०

दक्षिण कोरिया की 44 वर्षीया ओ एउन-सुन ने दावा किया है कि वह स्पेनी प्रतिस्पर्धी एदर्ने पासाबान से पहले ही चौदह सर्वोच्च चोटियों पर चढ़ने में सफल रही हैं, हालांकि उनकी इस उपलब्धि पर शक के बादल भी छाए हुए हैं.

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ओह एउन-सूनतस्वीर: AP

दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटियों पर विजय पाना बहुत बड़ी चुनौती है. अब तक सिर्फ 18 लोग यह लक्ष्य पूरा कर पाएं हैं. दक्षिण कोरिया में जब यह ख़बर फैली कि ओ एउन-सुन दुनिया की पहली महिला हैं, जो दुनिया के 14 सबसे ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ीं हैं, तब देश में खुशी और गर्व की लहर फैल गई. देश के सबसे लोकप्रिय अख़बार चोसुन इलबो ने लिखा कि ओ की सफलता दिखाती है कि दक्षिण कोरिया के पर्वतारोहियों के भीतर कितना प्रबल संकल्प है और देश की महिलाओं में हिम्मत और ताक़त के साथ साथ किस तरह का अटूट धीरज भी है.

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स्पेनी पर्वतारोही पासाबानतस्वीर: picture alliance / dpa

साथ ही अखबार ने लिखा कि देश की सिर्फ 5 फीट 2 इंच बड़ी यह लौह महिला अब बन गयी हैं आठ हज़ार मीटर से ऊँची चोटियों की महाविजेता. राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक ने ओ एउन सुन को बधाई देते हुए कहा कि आठ हज़ार मीटर वाली सभी चोटियों पर आपका चढ़ना विजेता बनने की एक ऐसी मानवीय लगन है, जो चुनौती शब्द के अर्थ को पीछे छोड़ देती है.

बेशक दुनिया के चौदह ऐसे सबसे ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ना, जो सब के सब 8000 मीटर से ऊँचे हैं, कोई आसान काम नहीं है. अनुशासन, हिम्मत, धीरज, तंदुरुस्ती और भाग्य के साथ-साथ मौसम का सहयोग भी सफलता पाने का आधार हैं. लेकिन ओ की सफलता की कई लोग आलोचना भी कर रहे हैं.

Annapurna Nepal Himalaya Flash-Galerie
नेपाल मे स्थित है 8091 मीटर ऊंची अन्नपूर्णा चोटीतस्वीर: Wolfgang Beyer - sa

सिर्फ ओ और उनकी दक्षिण कोरियाई टीम ही नहीं, स्पेन की एक टीम भी इस रिकॉर्ड को हासिल करना चाह रही थी. स्पेन की महिला पर्वतारोही एदुर्ने पासाबान के सामने एक ही पहाड़ रह गया था, तिब्बत का शीश पंग्म, 14 चोटियों में सबसे छोटा, जिसकी ऊँचाई 8027 मीटर है. पासाबान और कई दूसरे विशेषज्ञों ने इस बात को दोहराया कि उन्हे शक है कि ओ पिछले साल कंचनजंगा पर सचमुच चढ़ पाईं हैं.

पासाबान कहती हैं कि ओ के कंचनजंगा पर चढ़ने के बाद ही उनकी टीम भी कंचनजंगा पर चढ़ी. ओ ने चोटी के जो फोटोग्राफ़ दिखाएं हैं उन पर वह एक चट्टान पर खड़ी दिखायी पड़ती हैं. लेकिन जब स्पेन की टीम चोटी पर पहुंची थी तब वहां पर बहुत ही ज़्यादा बर्फ थी. एदुर्ने का यह भी कहना है कि उन्होंने कुछ ही हफ्ते पहले अपने शक का सबूत पाने के लिए उन शेरपा लोगों से बात की, जिन्होंने पर्वत पर चढ़ने में ओ का साथ दिया था. उन्होंने भी यही कहा कि वह चोटी पर नहीं पहुंच पाईं.

Kanchenjunga in Sikkim
विवाद कंचनजंगा को लेकर हैतस्वीर: npb

एदुर्ने का कहना है कि ओ को नेपाल की राजधानी काठमांडू लौट कर अपनी सफलता के सबूत देने होंगे. ओ ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह कंचनजंगा चोटी पर पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि उस दिन मौसम खराब था लेकिन उनके तीन शेरपाओं ने सुनिश्चित किया कि यही चोटी है.

दुनिया के सभी 14 सबसे ऊँचे पहाड़ हिमालय पर्वतमाला का अंग हैं, यानी तिब्बत, नेपाल और कराकोरम इलाके में पड़ते हैं. ओ ने 13 साल पहले 1997 में दुनिया की 14 सबसे उँची चोटियों पर पहुँचने का सिलसिला शुरू किया था. कुछ ही हफ्ते पहले 2010 में आखिरी पर्वत पर चढ़ने से पहले ओ ने कहा था कि अगर उन्हें इस बार भी सफलता मिली और वह रिकॉर्ड बना पाईं, तब वह बहुत ही खुश होंगी और गर्व महसूस करेंगी-- सिर्फ खुद पर ही नहीं, अपने देश और एशिया पर भी.

ओ ने कहा कि वह यह समझ नहीं पातीं कि उनके पहले कोई महिला यह काम क्यों नहीं कर पाई. कहती हैं, मेरी समझ से ऐसा इसलिए है कि दुनिया में औरतों का वही दर्जा नहीं है, जो मर्दों का है.

रिपोर्ट: प्रिया एसेलबॉर्न

संपादन: महेश झा