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जकार्ता के गवर्नर को ईशनिंदा के लिए दो साल की कैद

९ मई २०१७

जकार्ता के ईसाई गवर्नर बासुकी चहाया पुरनामा को ईशनिंदा का दोषी पाया गया है और दो साल कैद की सजा दी. इस फैसले के बाद इंडोनेशिया में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.

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Indonesien Prozess Basuki Tjahaja Purnama
तस्वीर: Reuters/B. Ismoyo

दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में पिछले सालों में आस्था से जुड़े विवाद बढ़ गये हैं, जिसका असर उसकी बहुलतावादी छवि पर हो रहा है. इंडोनेशिया की मॉडरेट और समावेशी इस्लाम तथा छह धर्मों के लिए संवैधानिक गारंटी की तारीफ होती रही है. लेकिन इस्लाम की अनुदारवादी विचारधारा की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ईसाईयों के अलावा शिया तथा अहमदिया मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं.

हार्डलाइनरों के दबाव में कुछ चर्चों और अल्पसंख्यक मुसलमानों की मस्जिदों को बंद करना पड़ा है. सुन्नियों द्वारा विधर्मी समझे जाने वाले शिया और अहमदिया समुदाय के लोगों पर हमले हुए हैं और उन्हें अपना घरबार छोड़ना पड़ा है. कुछ मामलों में तो उनकी मौत भी हो गई है. एक विख्यात हुए मामले में भीड़ ने पुलिस के सामने ही तीन अहमदिया मुसलमानों को पत्थर मार कर जान से मार डाला गया.

तानाशाह सुहार्तो के तीन दशक के शासन के दौरान इंडोनेशिया की सरकार ने देश को धर्मनिरपेक्षता के आधार पर चलाने की कोशिश की, जिसमें धर्म को सार्वजनिक जीवन से दूर रखा गया और हार्डलाइनर गुटों के प्रभाव को भी सीमित रखा गया. 1998 में सुहार्तो के पतन और देश में लोकतंत्र के आने के बाद देश में अरबी इस्लाम के प्रभाव में इस्लाम के रूढ़िवादी विचारधारा को पनपने का मौका मिला है.

Indonesien Protest gegen Basuki Tjahaja Purnama in Jakarta
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Chai Hin

नई लोकतांत्रिक आजादी की वजह से इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट जैसे हार्डलाइनर ग्रुपों का विकास हुआ है. एक के बाद एक कई सरकारों पर आरोप लगे हैं कि वे इस्लाम पर हमले का आरोप लगने के डर से कट्टरपंथियों से निबटने से बचते रही हैं. नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले सेतारा इंस्टीट्यूट के उप प्रमुख बोनार टिगोर नाइपोसपोस कहते हैं, "सुहार्तो के बाद समाज का बहुत हद तक इस्लामीकरण हुआ है." वे कहते हैं कि जब तक यह भगवान का अनुसरण करने के लिए है ठीक है, "लेकिन अब हम अलग रुझान देख रहे हैं, कट्टरपंथ में इजाफे का.

कभी हाशिए का संगठन समझे जाने वाले इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट जैसे हार्डलाइनर गुटों ने पुरनामा के खिलाफ आंदोलन करने में मुख्य भूमिका निभाई है. विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें अदालत द्वारा जेल भेजे जाने से ऐसे गुटों को प्रोत्साहन मिलेगा. पुरनामा पर इस्लाम का अपमान करने के आरोप पिछले साल सितंबर में चुनाव से पहले दिए गए भाषण में उनकी टिप्पणियों पर आधारित थे. उन्होंने अपने विरोधियों पर लोगों को लुभाने के लिए धार्मिक ग्रंथ कुरान की आयतों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.

पुरनामा की टिप्पणियों का एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया था जिसके बाद सारे देश में विरोध हुआ था और राजधानी जकार्ता में बड़ी रैलियां निकाली गई थीं. इंडोनेशियाई डिफेंस यूनिवर्सिटी के योहानेस सुलैमान पुरनामा के खिलाफ अदालत फैसले से सहिष्णु इस्लाम के गढ़ की इंडोनेशिया की छवि को धक्का लगेगा.

एमजे/ओएसजे (एएफपी)

Indonesien Protest gegen Basuki Tjahaja Purnama in Jakarta
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Chai Hin